पी.टी.ए., पैट व पैरा टीचर्स के लिए पॉलिसी बनी तो आंदोलन के लिए होंगे विवश

खबरें अभी तक।   हिमाचल प्रदेश एस.सी., एस.टी. व ओ.बी.सी. बेरोजगार संघ के प्रदेश संयोजक सुरेश कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार पी.टी.ए., पैट व पैरा टीचर्स के लिए पॉलिसी बनाने जा रही है, जोकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की तरफ  ध्यान देना चाहिए कि इन अध्यापकों की नियुक्तियों में रोस्टर सिस्टम को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था, इसलिए पंकज कुमार व अन्य लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिनमें से पंकज कुमार ने याचिका वापस ले ली है लेकिन अन्य याचिकाकर्ताओं की अंतिम सुनवाई नहीं हुई है और अंतिम सुनवाई होने तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए हैं।

अभी बाकी है अंतिम सुनवाई 
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अभी भी स्पैशल लीव पिटीशन (एस.एल.पी.) में चंद्रमोहन नेगी व राजीव चौहान के साथ राकेश कुमार, पवन कुमार, नरेश कुमार, श्याम लाल, हीरा लाल, रूप सिंह, युवराज, पूर्ण चंद, मदन लाल, जगमोहन कौर व अन्य याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका वापस नहीं ली है और उनकी सुनवाई अभी होनी है लेकिन हिमाचल सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए पी.टी.ए., पैट व पैरा टीचर्स के लिए पॉलिसी बनाने में जुटी है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि पॉलिसी न बनाई जाए अन्यथा पूरे प्रदेश में आंदोलन के लिए विवश होंगे, जिसके लिए सरकार स्वयं उत्तरदायी होगी।