अन्ना के नेक इरादे के साथ जनभावना, लेकिन नहीं मिल रहा जनसमर्थन

ये है नई दिल्ली का रामलीला मैदान। मंगलवार का दिन। दोपहर 12 से दो बजे के बीच का समय। गर्मी से परेशान और अलसाए लोग जहां-तहां टोलियों में बैठे हुए। कुछ सो रहे थे। मंच पर गीत चल रहा था और बीच में कभी-कभी भारत माता के जयकारे भी लग रहे थे। मंच के आसपास कुछ फोटोग्राफरों की टीम थी जो माहौल को अपने कैमरों में कैद करने में मशगूल थी। इक्का-दुक्का न्यूज चैनल के लोग भी थे, जो सूचनाएं प्रसारित कर रहे थे।

 मैदान में करीब हजार-डेढ़ हजार किसान और करीब चार हजार एक रियल एस्टेट कंपनी के निवेशक रहे होंगे, जो अपना पैसा वापस दिलाने या पाने की उम्मीद में आए थे। ये लोगों को कंपनी की ठगी के बारे में बता रहे थे। मंच के नीचे करीब डेढ़ सौ लोगों का अनशन अलग से चल रहा है। बीच-बीच में आंदोलन को समर्थन देने के लिए जब भी किसी टोली के मैदान की तरफ आने की सूचना मिलती, उसकी घोषणा मंच से की जाती। अन्ना हजारे भी बीच-बीच में मंच पर आकर बैठ रहे थे।