बारहवीं और दसवीं के पेपर लीक मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सीबीएसई पेपर लीक के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवाल उठाए हैं। साथ ही निष्पक्ष जांच के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के इस्तीफे की मांग भी कर दी है।
सुरजेवाला ने कहा कि व्यापमं और एसएससी के बाद अब सीबीएसई के तीन पेपर लीक हो गए हैं। छात्रों की मानें तो कुछ और पेपर भी लीक हुए हैं। 2017 में कक्षा 12वीं की परीक्षाओं के मूल्यांकन में यह एक बड़ी त्रुटि है। इसकी जिम्मेदारी किसी ना किसी को तो लेनी ही होगी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सीबीएसई के चेयरमैन की सीट दो सालों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और स्मृति ईरानी ने खाली रखी। शिक्षकों-अभिभावकों, शिक्षण संस्थानों के भारी विरोध के बाद 27 जुलाई 2016 में सरकार ने सीबीएसई प्रमुख की नियुक्ति की, लेकिन पीएम मोदी ने 2017 में प्रमुख को बर्खास्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और सीबीएसई अध्यक्ष अनीता करवाल को अपने मौजूदा पदों से हटाए बिना, इस पेपर लीक मामले में में निष्पक्ष और सही जांच करना असंभव है। इसलिए कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि इन दोनों को पदों से तुरंत हटा देना चाहिए। साथ ही सुरजेवाला ने इस मामले की न्यायिक जांच हाइकोर्ट के जज से कराने की मांग की है। वैसे बता दें कि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले की जांच कर रही है।मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर शिक्षा के लिए शुरू की गयी नई योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने शिक्षा में तकनीक को लाने की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि जल्द ही हर कक्षा में डिजिटल बोर्ड होगा जिससे शिक्षा के स्तर में प्रगति होगी। इसके अलावा उन्होंने सीबीएसई पेपर लीक मामले को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि अपराधियों को पकड़ा जाएगा। उन्होंने छात्रों व उनके माता-पिता के साथ सहानुभूति व्यक्त की। इस मामले को पीएम ने भी गंभीरता से लिया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने लीक पेपर पाने वाले 10 छात्रों की पहचान कर ली है। इन सभी से पूछताछ की जाएगी।