दोस्ती बनी मिसाल, शब्बीर की बेटी के निकाह में माणक ने दी दावत

हिंदू और मुस्लिम समुदाय के शब्बीर और माणकचंद की 25 साल पुरानी दोस्ती में बुधवार को एक और सुनहरा यादगार लम्हा जुड़ गया। शब्बीर की बड़ी बेटी नजमा की शादी में माणकचंद पिता की तरह तैयारियों में जुटे नजर आए।

टेंट लगवाने के अलावा भोजन की व्यवस्था भी उन्होंने संभाली। दोपहर में उन्होंने बारात का स्वागत दुल्हन के पिता की तरह किया। शादी में माणकचंद के परिवार के सभी सदस्य तो थे ही आसपास के गांवों से उनके रिश्तेदार भी पहुंचे। शब्बीर और माणकचंद के बीच पारिवारिक रिश्ता बन गया है।

दीपावली की मिठाई और ईद की सेवइयां दोनों ही साथ खाते। एक-दूसरे के त्योहार भी दोनों परिवार साथ मनाते हैं। गांव में दोनों की दोस्ती की मिसाल दी जाती है।

खंडवा से करीब 10 किमी दूर 3 हजार की आबादी वाले ग्राम कोरगला में मुस्लिम समाज के करीब 50 घर हैं। इनमें शब्बीर पिता ताज मोहम्मद (45) का घर भी है। उनके घर के पास ही माणकचंद पटेल का मकान है। शब्बीर की बेटी नजमा की शादी में शब्बीर के परिवार के साथ ही माणकचंद और उनका परिवार भी बेहद खुश नजर आया। माणकचंद की दोनों बेटियां अपने परिवार के साथ नजमा के निकाह में शरीक हुई।

 शब्बीर के घर की तरह माणकचंद का घर भी सजा हुआ था। यही नहीं नजमा की शादी में भोजन का पूरा खर्च माणकचंद ने उठाया। बारातियों के अलावा ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था पर करीब एक लाख रुपए उन्होंने खर्च किए। वैसे 29 जनवरी 2016 में माणकचंद की दो बेटियों निशा और मनीषा के विवाह में बारातियों के नाश्ते का खर्च शब्बीर उठा चुके हैं।