वित्त मंत्रालय ने कारोबारियों से कहा, 1 अप्रैल से पहले ई-वे बिल प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करवा लें

ई-वे बिल को 1 अप्रैल 2018 से लागू किया जाना है, ऐसे में अब सिर्फ दो दिन का समय बचा है। इस बीच सरकार ने व्यवसाय करने वालों और ट्रांसपोर्टर्स से कहा है कि वो 1 अप्रैल से पहले ई-वे बिल प्लेटफॉर्म पर खुद का रजिस्ट्रेशन करवा लें। अभी तक सिर्फ 11 लाख व्यवसायों और ट्रांसपोर्टर्स ने ही इस प्लेटफॉर्म पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।

व्ययवसाय करने वालों को उस सूरत में जीएसटी इंस्पेक्टर को अपना ई-वे बिल दिखाना होगा जब एक राज्य से दूसरे राज्य में जा रहे सामान की कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा की होगी। यह नियम सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग के जरिए 50,000 रुपए से ऊपर के सामान की आवाजाही के लिए लागू होगा। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का तकनीकी ढांचा तैयार करने वाला जीएसटी नेटवर्क ई-वे बिल को 1 अप्रैल से लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

अधिया ने कहा, “हालांकि मुझे नहीं लगता है कि ट्रेडर, डीलर और ट्रांसपोर्टर अभी इसके लिए तैयार हैं। मैं ऐसे लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वो ई-वे बिल पोर्टल पर खुद का रजिस्ट्रेशन करवा लें, जितनी जल्दी संभव हो। उन्हें बाद में यह नहीं कहना चाहिए कि उन्हें बताया नहीं गया था।” जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश कुमार ने बताया कि अभी तक 11 लाख बिजनेसेज और ट्रांसपोर्टर्स ने ही ई-वे बिल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है और अधिकांश लोगों को आखिरी मिनटों में हड़बड़ाहट में रजिस्ट्रेशन करवाने की आदत होती है।

ई-वे बिल एक नजर में

क्या है ई-वे बिल: अगर किसी वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जनरेट करना होगा। अहम बात यह है कि सप्लायर के लिए यह बिल उन वस्तुओं के पारगमन (ट्रांजिट) के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।

क्या होता है ई-वे बिल में: इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) की डिटेल दी जाती है। अगर जिस गुड्स का मूवमेंट एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर हो रहा है और उसकी कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर (आपूर्तिकर्ता) को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी।

कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह बिल: यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिड होता है, यह भी निर्धारित है। अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है। अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा।