सालों बाद ओवरहेड बिजली से मिला छुटकारा

खबरें अभी तक। दुनिया की प्राचीनतम नगरी वाराणसी को 86 साल के बाद ओवरहेड बिजली के तारों से छुटकारा मिल गया है। शहर के 16 स्क्वॉयर किलोमीटर इलाके में बिछ रहे अंडरग्राउंड बिजली के तारों का काम विभाग ने पूरा कर लिया है।

जिन इलाकों में अंडरग्राउंड तार बिछाए जाने थे वहां कई संकरी और टेढ़ी-मेढ़ी गलियों के साथ बाजार भी हैं। अब अंडरग्राउंड केबल का काम पूरा होने के बाद यहां 50,000 ग्राहकों को इसका फायदा होगा। अंडरग्राउंड केबल का काम इंटीग्रेटेड पावर डिवेलपमेंट स्कीम प्रॉजेक्ट (आईपीडीएस) के तहत पूरा किया गया है।

बता दें वाराणसी में अंडरग्राउंड बिजली के तार बिछाने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण था। ऐसा इसलिए क्योंकि वाराणसी शहर के अंदर संकरी गलियों की संख्या ज्यादा है जिस लिहाज से सभी सड़कों पर वाहनों की आवाजही ज्यादा रहती है और साथ ही काम करने के लिए जगह की कमी भी बनी रहती थी। इसके अलावा अंडरग्राउंड बीएसएनएल की लाइंस, पानी की पाइप लाइंस और सीवेज पाइप लाइंस ने भी परेशानी पैदा कर रही थीं क्योंकि इन पाइप लाइंस का कोई भी मैप किसी विभाग के पास मौजूद नहीं था। जिसके कारण काम के दौरान कुछ पाइप लाइंस डैमेज भी हो गईं जिससे तारों के बिछाने में बाधा उत्पन्न हुई और समय खराब हुआ।

नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में किया था योजना का उद्घाटन 
पूर्व केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने जून 2015 में 432 करोड़ से अंडरग्राउंड तार बिछाए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद सितंबर 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में देश के लिए 45,000 करोड़ रुपए की आईपीडीएस का योजना का उद्घाटन किया था। बता दें, इस प्रोजेक्ट के लिए पीयूष गोयल ने नियमित रूप से निगरानी रखी।