शैक्षिक संस्थाओं के मूल्यांकन में छात्रों-अभिभावकों का भी होगा दखल

शैक्षिक संस्थाओं के गुणात्मक मूल्यांकन में सुधार के लिए नेशनल असेसमेंट एंड अक्रीडिशन काउंसिल (एनएएसी) ने सभी संस्थानों के लिए अपनी जानकारियां ऑनलाइन करना अनिवार्य कर दिया है। पहली बार काउंसिल ने ऐसी प्रश्नावली उपलब्ध कराई है जिससे संस्थानों के आकलन और मूल्यांकन में छात्रों और उनके अभिभावकों की चिंताओं को शामिल किया जा सके।

एनएएसी की एक्जीक्यूटिव काउंसिल के प्रेसीडेंट वीरेंद्र एस. चौहान ने एक साक्षात्कार में बताया, ‘शैक्षिक संस्थाओं की मूल्यांकन प्रक्रिया में पहली बार छात्रों और उनके अभिभावकों की संतुष्टि को आवश्यक महत्व दिया है। इसके लिए विस्तृत प्रश्नावली तैयार की गई है जिसमें छात्रों और उनके अभिभावकों की चिंताओं को शामिल किया गया है। काउंसिल विभिन्न छात्रों और उनके अभिभावकों से इन प्रश्नों के जवाब जानेगी, लेकिन उनकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी।’

उन्होंने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अब एनएएसी ग्रेडिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिसके बाद एनएएसी की टीम ऑनलाइन दी गई सभी जानकारियों की तस्दीक करेगी। सभी जानकारियों के मूल्यांकन के बाद ही संस्थान को ग्रेड प्रदान किया जाएगा। ग्रेड तय हो जाने के बाद एनएएसी एक और टीम गठित करेगी जो संबंधित संस्थान में जाकर ऑनलाइन दी गई जानकारियों की तस्दीक करेगी। खास बात यह है कि संबंधित संस्थान को टीम के सदस्यों की पहचान नहीं बताई जाएगी। इस पहल से अधिकतम पारदर्शिता और न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही पूरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी काफी कम हो जाएगी।