‘मैक्सिको के ड्रग माफियाओं की तरह दाऊद इब्राहिम की D कंपनी ने कई देशों में फैलाया जाल’

भारत में भगोड़ा करार दिए गए डॉन दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान स्थित आपराधिक गुट डी- कंपनी ने कई देशों में अपने पैर पसार लिए हैं. जॉर्ज मैसन यूनिवर्सिटी के सेचार स्कूल ऑफ पॉलिसी में प्रोफेसर डॉ. लुईस शेली ने अमेरिकी सांसदों को शुक्रवार (23 मार्च) को बताया कि भारत से संबद्ध पाकिस्तान स्थित आपराधिक- आतंकी समूह डी- कंपनी ने नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए कई देशों में पांव पसार लिए हैं और इसने एक शक्तिशाली संगठन का रूप ले लिया है. शेली ने दावा किया कि डी- कंपनी का जाल कई देशों में फैला हुआ है.

कई देशों में फैला है डी- कंपनी का जाल
उन्होंने आतंकवाद और अवैध वित्त पोषण पर सदन की वित्तीय सेवाओं संबंधी समिति द्वारा आयोजित सुनवाई के दौरान कहा, ‘मैक्सिको के नशीले पदार्थों के संगठनों की तरह डी- कंपनी का जाल विभिन्न देशों में फैला है. वे हथियारों, नकली डीवीडी की तस्करी करते हैं और हवाला संचालकों की व्यापक व्यवस्था के जरिए वित्तीय सेवाएं मुहैया कराते हैं.’ डी- कंपनी का मुखिया भारत में भगोड़ करार दिया गया डॉन दाऊद इब्राहिम है. अपराध के बड़े मामलों और मुंबई जैसे स्थानों पर आतंकवादी हमलों के मामलों में भारत में वांछित दाऊद का डेरा अब पाकिस्तान के कराची शहर में है. अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों ने यह दावा किया है. हालांकि पाकिस्तानी अधिकारी अपने देश में दाऊद के होने से इनकार करते रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने भी लगाया है दाऊद पर प्रतिबंध
दाऊद के खिलाफ भारत के अभियान को अमेरिका ने आखिरकार 2003 में माना. उस समय अमेरिका के राजकोष विभाग ने दाऊद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जिसके तार अल- कायदा से जुड़े हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने भी उस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं. पाकिस्तान पर दाऊद को शरण देने की भारत की बात की पुष्टि करते हुए उस समय राजकोष विभाग ने कहा था कि दाऊद कराची में है और उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है. 12 मार्च 1993 को हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में कम से कम 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस दौरान करोड़ों रुपयों की संपत्ति नष्ट हो गई थी.  दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में भारत में वांछित है. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दाऊद को 2013 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया.