UIDAI का दावा: सुपर कंप्यूटर भी अनंत काल तक नहीं ब्रेक कर सकते आधार की सुरक्षा

आधार की कार्यशैली और तकनीकी पहलुओं के साथ लाभ समझा रहे यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार के पास ऐसे आंकडे हैं जिनसे पता चले कि आधार के कारण कितने लोग लाभ से वंचित रहे? इस पर सीईओ ने माना कि इस बारे में आंकडे नहीं हैं। साथ ही कहा कि आधार का बायोमीट्रिक ऑथेंटीकेशन न होने के बावजूद किसी को भी लाभ से वंचित नहीं किया जाता।

सुपर कंप्यूटर भी नहीं ब्रेक कर पायेंगे सेक्योरिटी  

इसे सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों और मंत्रालयों को निर्देश हैं। पांडेय ने आधार के डेटा और पूरे सिस्टम की सिक्योरिटी का हवाला देते हुए कहा कि तीन अंकों का लॉक सिस्टम होता है और उसे ब्रेक करने में धरती पर उपलब्ध तीन सुपर कंप्यूटरों को भी अनंत काल (एज ऑफ यूनीवर्स) लगेंगे। यूआईडीएआई के सीईओ ने ये बातें गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में ‘पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन’ (पीपीटी) पेश करते हुए कही। पांडेय ने डेढ़ घंटे का पीपीटी प्रजेंटेशन दिया जो अगले मंगलवार यानी 27 मार्च को भी जारी रहेगा। पांडेय ने कहा कि आधार न होने पर किसी को लाभ से वंचित नहीं किया जाता। हर चीज आधार से जुड़ी नहीं है। बाकी चीजें सरकार देख रही है।

ऑथेंटीकेशन की वैकल्पिक व्यवस्था भी

कोर्ट के सवाल पर उन्होंने बताया कि बायोमीट्रिक ऑथेंटीकेशन (प्रमाणीकरण) फेल होने पर ऑथेंटीकेशन के वैकल्पिक तरीके भी हैं। जैसे पंजीकृत फोन नंबर पर व्यक्ति को ओटीपी आता है और उससे ऑथेंटीकेशन होता है। इसके अलावा ई-केवाईसी सिस्टम भी है।

डेटा साझा नहीं होता

आधार का डेटा सीआईडीआर के पास उसके सर्वर पर सुरक्षित रहता है और इसे किसी से साझा नहीं किया जाता। बायोमीट्रिक ऑथेंटीकेशन में भी अंतिम छोर पर सरकारी एजेंसी ही ऑथेंटीकेशन करती है। इसके अलावा यूआईडीएआई को यह मालूम नहीं होता कि कहां से किसने और किस काम के लिए ऑथेंटीकेशन कराया है।

एक जुलाई से आधार में चेहरा भी होगा

पहचान आधार में जो लोग बायोमीट्रिक देने में बीमारी या किसी अन्य कारण से असमर्थ हैं उनका नाम और ब्योरा दर्ज कर उन्हें अपवाद में शामिल किया जाता है। उस व्यक्ति को भी आधार नंबर जारी होगा। आधार कार्ड पर एक क्यूआर कोड होता है, उससे भी पहचान साबित होती है। इसके अलावा एक जुलाई से आधार के ऑथेंटीकेशन में चेहरा भी शामिल किए जाने पर काम चल रहा है