अमरेंद्र ने सुखबीर बादल को संसद का घेराव करने की दी चुनौती

खबरें अभी तक। मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को चुनौती दी है कि वह कर्ज माफी के मुद्दे पर विधानसभा का घेराव करने के बजाय केन्द्र पर दबाव बनाने के लिए संसद का घेराव करें जिससे देश के किसानों का भला हो सके ।

कैप्टन ने आज यहां कहा कि अकाली दल ने कल बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा का घेराव करने का आहवान किया है लेकिन सच तो यह है कि जो पिछले दस साल के अपने राज में किसानों के लिए कुछ नहीं कर सके और अब किसानों की सहानुभूति हासिल करने के लिए दिखावा कर रहे हैं। उन्हें किसानों सहित किसी वर्ग से कुछ नहीं लेना। यदि अकाली दल को किसानों के प्रति हमदर्दी है तो केन्द्र की मोदी सरकार पर कर्ज माफी का दबाव बनाएं।

उन्होंने कहा कि बादल की पत्नी हरसिमरत कौर केन्द्र में मंत्री हैं तथा अकाली दल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सहयोगी। बादल ने किसानी को बचाने के लिए केन्द्र से सहायता मांगने का कभी प्रयास नहीं किया। यदि वह किसानों की दुर्दशा के प्रति इतने चिंतित है तो उन्हें पिछले चार साल में कुछ राहत के लिए केन्द्र के समक्ष यह मुद्दा उठाना चाहिए था। सत्ता छिनने तथा कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अब उनके दिल में किसानों का दर्द जागा है।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018-19 के बजट में कृषि कर्ज माफी के लिए पर्याप्त प्रावधान का वादा करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों के प्रति वचनबद्ध है। लगभग 82000 किसानों को कर्ज माफी प्रमाणपत्र पहले ही जारी कर दिए गए हैं । करीब सवा दस लाख छोटे तथा मंझोले किसानों का कर्ज माफ करने के रोडमैप पर काम हो रहा है और कर्ज माफी स्कीम के तहत आने वाले किसानों का नवंबर तक कर्ज माफ हो जाएगा।

पंजाब पर वित्तीय दबाब का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली अकाली सरकार से खजाना खाली मिलने के कारण बहुत से कामों को गति नहीं दे सके और हालात ठीक होने के साथ ही लोगों से किए सभी वादों को पूरा करेंगे। अकाली दल विधानसभा चुनावों से लेकर निकाय चुनावों तक मिली करारी हार से बौखला गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा का घेराव करने के बजाय वे सदन के भीतर अपना पक्ष रखें और उनके पास सरकार के खिलाफ मजबूत केस है तो सदन के पटल पर रखें तो बेहतर होगा अन्यथा जनता में रहा सहा विश्वास भी खो देंगे। ज्ञातव्य है कि अकाली दल कल किसानों के मुद्दे पर विधानसभा का घेराव करेगा जिसकी राज्य स्तर पर तैयारियां हो चुकी हैं।