अप्रैल में ही कर सकेंगे रोहतांग दर्रे के दीदार

ख़बरें अभी तक :देश व दुनिया के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाला रोहतांग दर्रा इस बार मार्च में ही बहाल हो जाएगा। सभी परिस्थितियां ठीक रही तो इस बार मनाली आने वाले सैलानी अप्रैल महीने में ही रोहतांग दर्रे के दीदार कर लेंगे। सर्दियों में कम बर्फबारी होने के चलते इस बार रोहतांग के पहाड़ खाली-खाली दिख रहे है। बीआरओ ने रोहतांग बहाली की तैयारियां पूरी कर ली है।

अधिकारियों ने दर्रे का दौरा करने के बाद शीघ्र बहाली की भी रणनीति बना ली है। मनाली की ओर राहलाफाल तक लगभग सड़क बहाल है, जबकि लाहौल की ओर भी कोकसर के समीप राक्षी ढांक तक सडक से बर्फ हटा ली है। रोहतांग दर्रे में भी हर साल की अपेक्षा बर्फ बहुत कम है। मनाली-रोहतांग मार्ग पर एवलांच भी नाममात्र आए है। बीआरओ को इस बार राहलाफाल से राक्ष ढांक तक ही सड़क से बर्फ हटानी पडेगी। मनाली-लेह मार्ग भी इस बार समय से पहले बहाल हो जाएगा। मनाली लेह मार्ग को मनाली से सरचू तक दीपक परियोजना जबकि सरचू से लेह तक बीआरओ की हिमांक परियोजना मार्ग को बहाल करती है। हिमांक ने लेह की ओर से मार्ग को बहाल करते हुए तक दस्तक दे दी है। मनाली की ओर से बीआरओ मनाली और लाहुल तीन जगह से मार्ग को बहाल करेगा। बीआरओ का एक काफिला मनाली से रोहतांग दूसरा कोकसर से रोहतांग और तीसरा सतींगरी से सरचू की ओर कूच करेगा। सर्दियों में बर्फबारी कम होने के चलते सैलानी मई-जून मतक ही दर्रे में बर्फ के दीदार कर सकेंगे।

मार्ग की बहाली की तैयारियां पूरी कर ली

बीआरओ कमांडर कर्नल एके अवस्थी ने बताया कि बीआरओ ने मनाली-लेह मार्ग की बहाली की तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने कहा िकइस बार पहाडों में बर्फबारी कम हुई है। उन्होंने बताया कि रोहतांग दर्रे को बीआरओ प्राथमिकता में बहाल कर देगा। रोहतांग दर्रा बहाल करने के बाद लेह मार्ग बहाली को कदम बढाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मौसम की परिस्थितियां ठीक रही तो रोहतांग दर्रे को मार्च के अंत तक बहाल कर लिया जाएगा।