वाकआउट,एस.वाई.एल. नहर पर हरियाणा विस में हंगामा

खबरें अभी तक। हरियाणा विधानसभा में सतलुज-यमुना लिंक नहर (एस.वाई.एल.) के निर्माण की मांग को लेकर विपक्षी इंडियन नैशनल लोकदल (इनैलो) और कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी की तथा सदन से बहिर्गमन किया लेकिन सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि उसके सतत प्रयासों की बदौलत अब जबकि इस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने वाला है तो विपक्ष बेवजह इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है।

राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल में इनैलो विधायक और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला तथा कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी और इन दलों के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल से पूछना चाहा कि उन्होंने एस.वाई.एल. नहर मुद्दे पर चर्चा करवाने के लिए उन्हें काम रोको प्रस्ताव दिए थे। उनका क्या हुआ। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि मामला अदालत में है इसलिए इस पर चर्चा नहीं की जा सकती जिसके चलते ये प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए गए हैं।

उन्होंने संबंधित नेताओं से कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान वे इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं तथा इसके लिए वह उन्हें समय भी देने को तैयार हैं। विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी के बीच चौटाला अध्यक्ष के आसन के समक्ष एस.वाई.एल. मुद्दे पर चर्चा करवाने की मांग पर जोर देते देखे गए।

उन्होंने कहा कि एस.वाई.एल. राज्य की जीवन रेखा है तथा इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि अदालत में अब इस संबंधी कोई मामला लम्बित नहीं है। अदालत का फैसला आ चुका है तथा उसने केंद्र और सरकारों को नहर का निर्माण करवाने को कहा है। ऐसे में सरकारों को बताना चाहिए कि वे इस नहर का निर्माण कब शुरू करने जा रही हैं।

मुख्यमंत्री को इस मामले में सदन में जवाब देना चाहिए। उन्होंने सरकार पर दादूपुर-नलवी नहर बंद कर लोगों के साथ धोखा करने का भी आरोप लगाया। विधानसभा अध्यक्ष ने चौटाला को सदन के नियमों का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर चर्चा करवाने से इन्कार कर दिया और उन्हें अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया।

चौटाला अपनी सीट पर लौटे तो श्रीमती चौधरी और पार्टी के अन्य सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगे। इन्हें भी अध्यक्ष ने राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर बात रखने का समय देने का आश्वासन दिया लेकिन वे नहीं माने और सदन से बहिर्गमन कर गए।

इनैलो के चर्चा करवाने के मुद्दे पर अड़े रहने और सदन की कार्रवाई आगे नहीं चलने देने पर कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने इनैलो पर आरोप लगाया कि अब जबकि सरकार द्वारा अदालत में इस मामले पर लगातार सुनवाई सुनिश्चित करवाने के बाद फैसला राज्य के पक्ष में आने वाला है तो विपक्ष इसमें अड़ंगा लगाकर इसमें विलम्ब करने का हथकंडा अपना रहा है। उनकी इस प्रतिक्रिया का मंत्री नसीब सैनी ने भी समर्थन किया।