PNB स्कैम: ED को मिलने लगी नीरव मोदी के विदेशी खातों की जानकारी

खबरें अभी तक। पंजाब नेशनल बैंक-नीरव मोदी घोटाले में जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है. ईडी को नीरव मोदी के विदेशी खातों की जानकारी मिलनी शुरू हो गई है. कुछ देश अभी तक ईडी को नीरव मोदी के खाते से जुड़ी जानकारी दे चुके हैं, वहीं कुछ देश जल्द ही जानकारी सौंप सकते हैं. ईडी ने इस मामले में कार्रवाई भी शुरू कर दी है. इस मसले से जुड़ी एक डिटेल रिपोर्ट फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को सौंप दी गई है.

मॉरीशस भी करेगा मदद

वहीं मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) ने पीएनबी धोखाधड़ी से संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वह इस मामले में लगातार अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों से सूचनाओं के आदान-प्रदान के समझौते के तहत संवाद बनाए हुए है. एफएससी ने एक बयान में कहा, “एफएसी किसी अवैध, हानिकारक व धोखाधड़ी के कार्यों में लिप्त पाए जाने पर किसी भी कंपनी के अधिकारी व प्रबंधन के खिलाफ निमयन संबंधी जरूरी कार्रवाई करेगा ताकि इससे मारीशस की प्रतिष्ठा को धक्का न लगे.”

गौरतलब है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की एक पीएमएलए अदालत ने बीते शनिवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा व व्यापारिक सहयोगी मेहुल चोकसी के खिलाफ 12,700 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मामले में गैरजमानती (एनबीडब्ल्यू) वारंट कर दिया है.

लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने बताया कि धनशोधन निवारण अधिनियम अदालत के न्यायाधीश एम. एस. आजमी ने गैरजमानती वारंट के तहत जारी किया है, जो मोदी और चोकसी के ठिकानों का पता लगाने और उनके प्रत्यर्पण के लिए है.

 इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 27 फरवरी को पीएमएलए अदालत में दोनों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की याचिका दायर की थी, क्योंकि आरोपियों ने 15, 17 और 23 फरवरी को एजेंसी के समक्ष हाजिर होने के सम्मन का कोई जवाब नहीं दिया था.

इसके साथ ही, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नीरव मोदी को संदेश भेजकर भारत लौटकर जांच में सहयोग करने की गुजारिश की थी, लेकिन उसने विदेश में अपने व्यवसाय का हवाला देते हुए नकारात्मक जवाब दिया. भारत सरकार ने पहले मोदी और चोकसी के पासपोर्ट को रद्द कर दिया है, साथ ही इंटरपोल से उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने को कहा है.

नीरव मोदी समूह की फ्लैगशिप कंपनी फायरस्टार डायमंड ने न्यूयार्क की अदालत में दिवालिया होने की याचिका दायर की है, जिसके बाद ऋणदाताओं को इस कंपनी से अपने कर्ज को वसूलने पर रोक लग गई है. इस कंपनी की कई देशों में शाखाएं हैं.