रंग लाया बेटी बचाओ अभियान

 खबरें अभी तक। देवभूमि कांगड़ा में अब देवियां यानी बेटियां अधिक लोगों के घरों में जन्म ले रही हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, ब्लॉक स्तर पर जो आंकड़ा था उसमें पिछले सात साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। कुछ एक ब्लॉकों को छोड़कर शेष में लोगों में बेटियों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी है अनमोल जैसे कार्यक्रमों का नतीजा है कि लोगों में बेटियों के प्रति मानसिकता में बदलाव आया है।

जिले के अधिकतर ब्लॉकों में 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गोपालपुर ब्लॉक में छह वर्ष से कम आयु की बेटियों का अनुपात पहले 883 था जो कि अब 945 पहुंच गया है। यहां बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान छेड़ा गया था। इसी तरह डाडासीबा में 949 से बढ़कर 964, फतेहपुर में 906 से 919, ज्वालामुखी में 909 से 910, शाहपुर में 891 से 893, तियारा में 891 से 892 व गंगथ में 886 से 889 हुआ है। इसी प्रकार भवारना ब्लॉक में अनुपात 883 से 873 और नगरोटा बगवां में 883 से 879 हुआ है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 ब्लॉकों में चलाए गए अभियान का ही नतीजा है कि आज बेटियों का लिंगानुपात बढ़ा है। हालांकि नगरोटा बगवां और भवारना ब्लॉक में दर्ज की गई कमी के कारणों को तलाशा जा रहा है। फिलवक्त सभी अधिकारियों ने रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। सूत्र बताते हैं कि हर वर्ष लिंगानुपात से संबंधित आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाता है तथा जिन क्षेत्रों में कोई कमी नजर आती है वहां जागरूकता अभियानों में गति प्रदान की जाती है।

2011 में यह था आंकड़ा 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, जिला कांगड़ा में शून्य से छह वर्ष से कम का लिंगानुपात में प्रदेशभर में दूसरे नंबर पर था। उस दौरान 1000 लड़कों पर 1013 लड़कियां थी। हमीरपुर पहले नंबर पर था और यहां 1096 लड़कियां थीं।