अंबाला रेल मंडल में पटरी चोरी, 105 दिन बाद हुआ केस दर्ज

खबरें अभी तक। रेल पटरी चोरी मामले में आखिरकार विभाग की नींद खुल गई और करीब 105 दिन बाद राजपुरा पोस्ट में केस दर्ज कर लिया गया। इससे पहले अंबाला रेल मंडल स्तर तक तो मामला दबा ही दिया गया था, लेकिन आरपीएफ के महानिदेशक धमेंद्र कुमार ने इसे गंभीरता से लिया। साथ ही चोरी की घटना को छिपाने पर भी चौकी प्रभारी समेत मंडल के अफसरों से जवाब तलब किया है। यह सबकुछ दिल्ली में चार दिन पहले सौंपी रिपोर्ट के बाद हुआ है।

सूत्रों का कहना है कि इस प्रकरण में इंजीनियरिंग विंग व आरपीएफ अधिकारी अपने बुने जाल में फंस गए। इंजीनियरिंग विंग ने पटरी चोरी की लिखित शिकायत की। आरपीएफ ने पूरे स्टॉक की गिनती करने की धमकी दी तो घटना के छह दिन बाद 25 नवंबर को दूसरी शिकायत देकर चोरी की वारदात को छिपा लिया गया। मगर आरपीएफ ने रोजनामचे में एंट्री कर घटना का सबूत छोड़ दिया।

आरपीएफ अधिकारी ने भी मौके का दौरा कर अपने बॉस को सच से अवगत करवाया था, लेकिन केस दर्ज नहीं किया। चोरी की घटना को छिपाने पर अधिकारियों की पूरी शह रही जो अब विभागीय जांच में नपेंगे। 20 टन कबाड़ पटरी की कीमत करीब 5 लाख रुपये है, जबकि नई पटरी की कीमत इससे कई गुना अधिक है।