आंदोलनरत आंगनबाड़ी कर्मियों को दोफाड़ करने में कामयाब हुई सरकार

हरियाणा सरकार पिछले एक सप्ताह से आंदोलनरत करीब 50 हजार आंगनबाड़ी कर्मचारियों तथा सहायिकाओं को दोफाड़ करने में कामयाब हो गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव डॉ. राजा शेखर वुंदरू के साथ आंगनबाड़ी कर्मचारियों के एक धड़े की बातचीत विफल हो गई। रात होते-होते मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ दूसरे धड़े ने मुलाकात कर हड़ताल खत्म करने का एलान कर दिया।

प्रधान सचिव के साथ जिस धड़े की बातचीत विफल हुई, उसका नेतृत्व आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने किया। प्रधान सचिव की ओर से प्रस्ताव आया कि 15 वर्ष तक सेमी स्किल वर्कर व इससे ऊपर स्किल्ड वर्कर की दो श्रेणी बनाकर राज्य सरकार न्यूनतम वेतन दे सकती है। यह 10256 व 11429 रुपये मासिक ही बनता है। सहायिकाओं को पहले की तरह वर्कर्स का आधा वेतन ही मिलेगा। पेंशन व रिटायरमेंट के लाभ पर स्थिति साफ नहीं की गई।

सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन) से जुड़े आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये मासिक देने की मांग की। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासिचव सुभाष लांबा ने 5 मार्च को करनाल में रैली का ऐलान कर दिया। दूसरी तरफ गुरुग्राम से लौटने के बाद मुख्यमंत्री के साथ दूसरे धड़े ने बातचीत की, जिसका नेतृत्व भारतीय मजदूर संघ के नेता हनुमान गोदारा सहित अन्य नेताओं ने किया।

सीएम के साथ हुई मीटिंग के बाद राजा शेखर बुंदरू ने बताया कि अब 10 वर्ष तक की सेवा करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अर्धकुशल श्रमिकों की पद्धति पर 10,286 रुपये प्रतिमास की दर से वेतन मिलेगा। 10 वर्ष से अधिक की सेवा करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन कुशल श्रमिकों के समान 11,429 रुपये का मासिक वेतन प्राप्त होगा। आंगनबाड़ी हेल्परों का वेतन बढकऱ 5715 रुपये प्रतिमास हो जाएगा। यह सभी बढ़ोतरी पहली फरवरी 2018 से लागू हो जाएंगी। मांगें मानने पर दूसरे धड़े ने सीएम का आभार भी जताया।