खबरें अभी तक। दक्षिण कोरिया में चल रहे विंटर ओलंपिक को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस ओलंपिक में लोगों और देशों की निगाहें यहां होने वाले गेम्स पर कम और यहां आई उत्तर कोरिया के तानाशाह की बहन किम यो जोंग और अमेरिका से आए उप-राष्ट्रपति माइक पेंस पर ज्यादा लगी थीं। सभी इस बात को लेकर काफी उत्साहित थे कि आखिर एक ही छत के नीचे ये दोनों आपस में किस तरह का व्यवहार करते हैं। कुछ देशों को यह भी उम्मीद जरूर शायद इन दोनों में कोई बातचीत हो। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि इन दोनों के बीच शिष्टाचार मुलाकात तक नहीं हुई बावजूद इसके ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान यह दोनों ही आगे पीछे बैठे थे। इतना ही नहीं उत्तर कोरिया के खिलाडि़यों के स्टेडियम में आने पर पेंस खड़े तक नहीं हुए थे, जबकि उनके पास सभी दूसरे नेताओं ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया था।
लेकिन अब कुछ ऐसा निकलकर सामने आया है जो इन सभी से ज्यादा दिलचस्प है। दरअसल व्हाइट हाउस की तरफ से इस बात का खुलासा किया गया है कि ओलंपिक से अलग किम की बहन अपने अधिकारियों संग माइक पेंस से मुलाकात करना चाहती थीं। लेकिन मुलाकात से ठीक पहले उन्होंने अपना मन बदल दिया। व्हाइट हाउस ने यहां तक कहा है कि पेंस के ओलंपिक से वापस लौटने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी चाहते थे कि यदि उत्तर कोरिया की तरफ से पेंस से मुलाकात करने की बात सामने आए तो वह ऐसा करने के लिए तैयार रहें। लेकिन इस दौरान वह उन पर लगे प्रतिबंधों को लेकर जरा भी लचीला रुख न अपनाएं जब तक कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों के विकास को रोकने पर राजी नहीं होता है।
उप-राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ निक एयर्स ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि उत्तर कोरिया नहीं चाहता था कि पेंस इस मंच का इस्तेमाल उस पर दबाव बनाने और उसकी सच्चाई बयां करने के लिए करें। यूएस मीडिया के मुताबिक अमेरिका शुरू से ही इस बात को कहता रहा है कि उत्तर कोरिया ओलंपिक के दौरान सामने आने वाली फोटो से दुनिया में यह मैसेज देना चाहता था कि उनके यहां सब कुछ सही है। उनके मुताबिक शायद इसी वजह से किम की बहन ने इस बैठक में रहना मुनासिब नहीं समझा या फिर वह इसके लिए गंभीर नहीं थे।