न युद्ध, न अवैध कब्जा; फिर भी तीन फीसद बढ़ गया इस खूबसूरत देश का क्षेत्रफल

खबरें अभी तक। किसी देश की सीमाएं फैलने या उस देश के क्षेत्रफल में बढ़ोतर आमतौर पर युद्ध के बाद किसी दूसरे देश की जमीन कब्जाने के रूप में ही होती है। इसके अलावा चीन की तरह उथले समुद्र को रेत से पाटकर उसे अपने देश में मिलाकर भी अपने क्षेत्र को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश है जिसने न तो युद्ध जीतकर किसी की जमीन पर कब्जा जमाया है और न ही समुद्र पर अवैध कब्जा। इसके बावजूद इस देश ने अपना क्षेत्रफल 3 फीसद बढ़ा लिया है।

दरअसल यह देश प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देश तुवालू है। वैज्ञानिक ग्लोबल वार्मिंग से समुद्री जलस्तर बढ़ने की वजह से तुवालू के डूबने की आशंका कई वर्षों से जता रहे हैं। लेकिन वैज्ञानिकों की आशंका को धता बताते हुए यह देश डूबने की बजाय करीब तीन फीसद बढ़ गया है। इसके लिए तुवालू ने न तो किसी अन्य देश की जमीन कब्जायी है और न ही समुद्र पर अवैध कब्जा किया है। बल्कि प्राकृतिक रूप से उसका आकार बढ़ा है। यह दावा यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के शोधकर्ताओं ने अपने ताजा शोध में किया है। यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

 शोधकर्ताओं ने 1971 से 2014 तक तुवालू के नौ प्रवाल द्वीप और 101 चट्टानी द्वीपों का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने आसमान से सभी की तस्वीरें लीं और उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों का भी मिलान करके अध्ययन किया। अध्ययन में जो कुछ सामने आया उसे देखकर शोधकर्ता भी हैरान रह गए, क्योंकि कहां तो इस देश के डूबने की आशंका थी, कहां इसका आकार बढ़ गया।