ख़बरें अभी तक: संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने 1 घंटे 2 मिनट तक चले अभिभाषण में कहा कि भारत में मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार है। यह सरकार बिना डरे काम कर रही है। इसके लिए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकवाद पर सख्ती, आर्टिकल 370 और तीन तलाक के उदाहरण दिए। वहीं मुर्मू ने सरकार को लगातार दो बार मौका देने के लिए लोगों का आभार जताया।
उन्होंने कहा- हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है, जहां गरीबी न हो और मध्यम वर्ग वैभव से युक्त हो। उन्होंने गरीबों को मुफ्त अनाज की स्कीम जारी रखने की बात कही। मुर्मू ने रेहड़ी वालों की बात कही, तो 11 करोड़ छोटे किसानों की मदद के लिए सवा दो लाख करोड़ रुपए की सम्मान निधि का जिक्र भी किया।
दुनिया का भारत को देखने का बदला नजरिया
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा ‘मेरी सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं. सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है. आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है. जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था. वही आज दुनिया के समाधान का माध्यम बन रहा है.’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा : मेड इन इंडिया अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का लाभ देश को मिलना शुरु हो चुका है. आज भारत में मैन्युफेक्चरिंग की अपनी कैपेसिटी भी बढ़ रही है और दुनिया भर से भी मैन्युफेक्चरिंग कंपनियां भारत आ रही हैं.
उन्होंने कहा : इतना ही नहीं राष्ट्रपति मुर्मू ने 2047 तक देश को विकसित बनाने की बात भी कही. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 2047 तक हमें ऐसे देश का निर्माण करना है, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता के सभी स्वर्णिम अध्याय हों
वहीं सत्र के पहले दिन PM नरेंद्र मोदी ने कहा- सदन में तकरार तो होगी ही, तकरीर होनी भी चाहिए। पीएम ने कहा – विपक्ष पूरी तैयारी के साथ आया है। हम बहुत अच्छी तरह मंथन करके देश के लिए अमृत निकालेंगे। उन्होने कहा हमारे देश के बजट पर विश्व की नजर है। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होंगी। साथ ही पीएम ने ये भी कहा कि हमारे देश की ओर दुनिया आशा से देख रही है। हमारा लक्ष्य देश पहले-देशवासी पहले होना चाहिए।