Adampur Byelection 2022: BJP के लिए बंजर है आदमपुर की सियासी जमीन !

ख़बरें अभी तक: आदमपुर विधानसभा की सियासी जमीन भारतीय जनता पार्टी के लिए अभी तक बंजर रही है। साल 2014 में जब भाजपा ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में 90 में से 47 सीटों पर जीत हासिल की थी तब भी वो आदमपुर की सीट नहीं जीत पाए थे। इस सीट से कुलदीप बिश्नोई हजकां की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी थे। भाजपा इस सीट पर कभी मुकाबले में नजर नहीं आई है। इस सीट पर 8 बार भजनलाल कांग्रेस से विधायक चुने गए। वहीं 1977 में भजन लाल जनता पार्टी से विधायक बने थे।

वहीं इस सीट पर 1987 में जसमां देवी कांग्रेस के विधायक चुनी गई। कुलदीप 1998 में पहली बार इस सीट पर चुनाव जीते थे। वो कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे। साल 2009 और 2014 में वो हजकां से विधायक निर्वाचित हुए तो 2019 में वो कांग्रेस पार्टी से विधायक बने। 2011 में उनकी पत्नी रेणूका बिश्नोई हजकां से विधायक बनी थीं। कुलदीप बिश्नोई इस बार आदमपुर में कमल खिलाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इस बार उनके बेटे भव्य बिश्नोई को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।

बता दें कि भाजपा की ओर से उपचुनाव की परीक्षा पास करने को लेकर खास रणनीति बनाई है। पिछले करीब दो साल में बरोदा और ऐलनाबाद उपचुनाव में हार के बाद पहली बार आदमपुर में कमल खिलाने को लेकर पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। उपचुनाव से पहले भाजपा हरियाणा में एक बड़ी रैली भी करने जा रही है। 27 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा आएंगे। वहीं भाजपा की ओर से आदमपुर उपचुनाव में सीएम मनोहर लाल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ और कुलदीप बिश्नोई जैसे नेता स्टार प्रचारक रहेंगे।

इस सीट पर 3 नवंबर को होने वाले उपुचनाव को लेकर सर्द मौसम के बीच ही हरियाणा की राजनीति की गर्माहट देखने को मिल रही है। आदमपुर विधानसभा सीट का इतिहास बड़ा रोचक रहा है. इस सीट पर 1967 से लेकर 2019 तक कुल 13 सामान्य जबकि तीन उपचुनाव हुए हैं। यहां 11 बार कांग्रेस को जीत मिली है जबकि 4 बार हजकां के विधायक चुने गए हैं। वहीं एक बार इस सीट पर जनता पार्टी का जीत मिली है।