Khabrain Abhi Tak, Agra
दुनिया में कोरोना बर्बादी लेकर आया है। कोरोना वायस ने कई निर्दोशों की जान ले ली। किसी ने सोचा नहीं था कि इतने बुरे समय का भी सामना करना पड़ेगा। कोरोना से मरने वाले लोगों को श्मशान घाट में अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो रहा है।
शवों की लाइनों के बीच अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ा रहा है। कुछ लोग खुले में, तो कहीं पार्किंग में परिजनों को विदाई दे रहे हैं। शवों को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं है और न ही एक लाश को चार कंधों का सहारा मिल पा रहा है।
आगरा में भी हालात बुरे हैं। श्मशान घाट में चिताओं की आग नहीं बुझ रही है। ताजगंज श्मशान घाट में हर दिन 40 से ज्यादा शव पहुंच रहे हैं। इस बीच दिल को दुखी करने वाली बहुत सी खबरें सामने आ रही हैं।
अब एक बेटे को पिता के शव को श्मशान घाट पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। काफी प्रयास करने के बाद भी मोहित एंबुलेंस का इंतजाम नहीं कर पाया। जिसके बाद मोहित ने पिता के शव को कार के ऊपर ही बांध लिया और निकल पड़ा। श्मशान घाट में जब इस बेटे को अंतिम संस्कार का समय मिला, तो पिता के शव को कार से उतारकर संस्कार किया।