Antilia Case: NIA ने सचिन वझे के घर की ली तलाशी, दस्तावेज जब्त ! 2 और अफसरों तक पहुंच सकती है जांच की आंच

ख़बरें अभी तक || उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने विस्फोटक मिलने के केस और इससे जुड़े मनसुख हिरेन की मौत के मामले में जांच तेजी से चल रही है। माना जा रहा है कि इनमें जल्द ही खुलासा हो सकता है। विस्फोटक मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और मनसुख की मौत के मामले की जांच एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) कर रही है।

NIA बुधवार रात सस्पेंड किए गए असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वझे को ठाणे लेकर गई। वहां कई जगहों पर सीन रिक्रिएशन किया गया। देर रात NIA की दो टीमों ने वझे के घर की तलाशी भी ली। इसमें कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। उनकी सोसाइटी के लोगों से भी पूछताछ की गई।

कुछ और पुलिस अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

जानकारी के मुताबिक, इस मामले में जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) मिलिंद भारंबे और डिप्टी पुलिस कमिश्नर (क्राइम) प्रकाश जाधव का बयान भी NIA की टीम दर्ज करेगी। NIA यह जानना चाहती है कि किसके कहने पर वझे को स्कॉर्पियो मामले की जांच सौंपी गई थी। NIA भारंबे और जाधव के बयान को काफी अहम मान रही है।

सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए गए परमबीर सिंह के निर्देश पर वझे को इस मामले की जांच सौंपी गई थी। ऐसे में जांच की आंच परमबीर सिंह तक भी पहुंच सकती है। उन्हें इस बात का जवाब देना होगा कि ज्यूरिडिक्शन नहीं होने के बावजूद सचिन वझे को क्यों यह मामला सौंपा गया।

वझे के कहने पर ही उनकी सोसाइटी से जब्त हुए थे CCTV फुटेज

NIA सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सचिन वझे ने ही अपने साथ काम करने वालों को अपनी सोसाइटी के CCTV फुटेज जब्त करने का आदेश दिया था। उनके कहने पर ही API काजी ने सोसाइटी के लोगों को लेटर लिखा था। CCTV नष्ट करने का आदेश भी वझे ने ही दिया था। वह अपना रिकॉर्ड क्लियर करना चाहता था।

साजिश के सूत्रधार की जांच

मुंबई पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट (CIU) के प्रभारी रहे वझे को इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वझे ने पूरी साजिश किसके इशारे पर रची? NIA इसकी जांच कर रही है। API रियाज काजी समेत कई पुलिसकर्मी वझे के साथ साजिश में शामिल थे या नहीं इसकी भी जांच चल रही है। जल्द ही इस मामले में कुछ और लोगों के गिरफ्तार होने की संभावना है।

मनसुख की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भ्रम की स्थिति बनी

मनसुख की फॉरेंसिक डायटॉम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। रिपोर्ट में मनसुख के फेफड़े में पानी भरने की बात कही जा रही है। ऐसे में मामले में भ्रम पैदा हो गया है। बताया गया है कि इससे पहले कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी अस्पताल में हुए पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में फेफड़े में पानी भरने का जिक्र नहीं हुआ था। ये दोनों रिपोर्ट एक दूसरे से अलग हैं और कानूनी लड़ाई के दौरान बड़ा पेंच फंसा सकती हैं।

क्या भेद खुलने के डर से हुई मनसुख की हत्या?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एंटीलिया केस में सचिन वझे के मिलीभगत होने की बात सामने आने के बाद महाराष्ट्र ATS अब इन एंगल से मामले की जांच कर रही है।

क्या भेद खुलने के डर से मनसुख हिरेन की हत्या की गई थी?

क्या वझे ने इस षड्यंत्र में पहले मनसुख को शामिल किया और भेद खुलने के डर से मनसुख की हत्या कर दी गई?

क्या मनसुख पैसों के लालच में पहले इस खेल का हिस्सा बना और फिर डर की वजह से उसने आत्महत्या कर ली?

क्या मनसुख सिर्फ एक मोहरा था और सचिन वझे ने उसे दोस्ती के बहाने अपने मकसद के लिए इस्तेमाल किया?

नागराले ने कहा-मुंबई पुलिस नाजुक हाल में

इस मामले में बुधवार को महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को उनके पद से हटा दिया। उनकी जगह 1987 बैच के अधिकारी हेमंत नागराले को नया कमिश्नर नियुक्त किया है। पदभार संभालने के बाद नागराले ने कहा, “मुंबई पुलिस बेहद नाजुक हालात से गुजर कर रही है।”

नागराले ने आगे ने कहा, ‘अभी मुंबई पुलिस कुछ बुरी घटनाओं के कारण अशांति के दौर से गुजर रही है। मैं चल रही जांच पर टिप्पणी नहीं करूंगा। हम मुंबई पुलिस के गौरव और ख्याति को फिर से प्राप्त करेंगे। हम कानून के अनुसार काम करेंगे और मैं सभी अधिकारियों को निर्देश दूंगा कि वे कानून के आधार पर अपने कर्तव्यों का पालन करें।”

क्या है पूरा मामला?

25 फरवरी को दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। 24 फरवरी की मध्य रात 1 बजे यह गाड़ी एंटीलिया के बाहर खड़ी की गई थी। दूसरे दिन गुरुवार को इस पर पुलिस की नजरें गईं और कार से 20 जिलेटिन की रॉड बरामद की गई थीं। इसी मामले में बाद में CIU के हेड रहे सचिन वझे को अरेस्ट किया गया था।

5 मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था। कुछ दिन पहले ही मनसुख ने इस गाड़ी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद महाराष्ट्र ATS ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की है।