कोरोना के इलाज का दावा करने वाले डॉक्टर्स पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, लगाया जुर्माना

ख़बरें अभी तक (दिल्ली) : भारत में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में कोरोना के इलाज के अलग-अलग दावे भी पेश किए गए, लेकिन इन तमाम दावों पर अब देश के सर्वोच्च न्यायालय की निगाहे हैं। आयुर्वेद के एक डॉक्टर को कोरोना के इलाज के दावा करना महंगा पड़ गया। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे दावा करने वाले एक आयुर्वेदिक डॉक्टर को फटकार लगाते हुए 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया।

Citizens to get homeopathy medicine in Pune | Pune News - Times of India

बता दें कि हरियाणा के ओमप्रकाश वैद ज्ञानतारा ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी और सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्होंने कोरोना के इलाज की दवा खोज ली है। वैद ने कहा कि उनकी दवा का इस्तेमाल देशभर के डॉक्टर्स और अस्पतालों को करना चाहिए। आयुर्वेदिक दवा और शल्य चिकित्सा (BAMS) की डिग्री होल्डर ज्ञानतारा ने अदालत से कहा था कि वो भारत सरकार के सचिव और स्वास्थ्य विभाग को कोविड​​-19 के इलाज के लिए उनकी दवा का इस्तेमाल करने का आदेश दें।

Amid rising Coronavirus cases, Supreme Court further restricts functioning to limit spread - Republic World

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्ञानतारा की जनहित याचिका में दी गई जानकारी पूरी तरह से गलत है और लोगों के बीच ये संदेश जाना जरूरी है कि इस तरह की बेतुकी बातें लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर नहीं करनी चाहिए। इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने डॉक्टर्स को दिल्ली हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था, जिन्होंने कोरोना के इलाज में होमियोपैथी दवा शुरू करने की मांग की थी। कोरोना के हल्के मामलों में होमियोपैथी इलाज शुरू करने के लिए 2 होमियोपैथी डॉक्टर्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।