सावन की शिवरात्रि क्यों है खास, क्या है इसका महत्व ?

ख़बरें अभी तक।। सावन का महीना चल रहा है और हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। कोरोना संकट के बीच आज (रविवार) सावन महीने की शिवरात्रि है। लेकिन इस बीच भी भगवान के प्रति भक्तों की श्रद्धा कम नहीं हुई। भक्त भगवान भोले के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे।  बता दें कि सावन का महीना शिव भगवान को अति प्रिय है। यही वजह है कि सावन के पूरे महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है।

इसलिए जब इस महीने में शिवरात्रि आती है तो, इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।  मान्यता है कि आम दिनों के मुकाबले सावन महीने की शिवरात्रि पर जल चढ़ाने से भगवान शिव ज्यादा प्रसन्न होते हैं। इसलिए यह दिन भोले बाबा के भक्तों के लिए भी बेहद खास होता है। आज शिवरात्रि का दिन भोले बाबा की आराधना, भक्ति और तपस्या करने के लिए सबसे अच्छा है। तो अब हम आपको बताएंगे कि जलाभिषेक का शुभ मुहुर्त क्या रहेगा…

क्या है जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त….?

इस सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शुभ समय सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक का समय शुभफलदायी रहेगा। प्रदोष काल में जलाभिषेक करना काफी शुभ रहता है। ऐसे में 19 जुलाई की शाम के समय 7 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक प्रदोष काल में जलाभिषेक किया जा सकता है। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन जो भी व्यक्ति भोलेनाथ की आराधना पूरी श्रद्धा से करता है। उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।