अब हिमाचल के किसानों को उत्पाती बंदरों से मिलेगा छुटकारा

खबरें अभी तक। उत्पाती बंदरों की समस्या से परेशान हिमाचल प्रदेश के किसानों और बागवानों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद जगी है. डीएफओ ऊना यशुदीप सिंह की पहल पर देश और विदेश के रिसर्चर की चार सदस्यीय टीम ने ऊना में बंदरों को आबादी और खेत खलिहानों से दूर रखने के लिए काम शुरू कर दिया है. ऊना में चार महीने तक काम होने वाले इस परीक्षण के सफल होने के बाद इसे प्रदेशभर में लागू किया जा सकता है.

ऊना में नील गाय और जंगली सूअर की समस्या से परेशान किसानों को नई तकनीक देने वाले वन विभाग के डीएफओ यशुदीप सिंह ने अब किसानों बागवानों को बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं. डीएफओ ऊना की पहल पर उत्पाती बंदरों की समस्या से निपटने के लिए भारत और अमेरीका के रिसर्चर चार माह तक ऊना जिला में बंदरों पर शोध करेंगे. अमरीकी रिसर्चर ने साउथ अफ्रीका में बंदर प्रजाति पर ही इस तरह की रिसर्च की है, जोकि कामयाब भी रही.

साउथ अफ्रीका की ही तर्ज पर ऊना जिला में चार महीनों तक अमेरिका से आए रिसर्चर इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ सांईस बैंगलोर के प्रो. डा. सिंधू राधा-कृष्णन के नेतृत्व में अपना शोध करेंगे. इस शोध में बंदरों को आबादी और खेतों से दूर रखने के लिए काम होगा.

शोध के सफल होने पर इसे प्रदेश भर में प्रयोग किया जाएगा-
डीएफओ ऊना यशुदीप सिंह का मानना है कि ऊना में शोध के सफल होने पर इसे प्रदेश भर में प्रयोग किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि ऊना जिला को इस शोध के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया है.