कौन है धरती की जुड़वा बहन, किसे दिया गया हैं ‘केपलर 438b’ का नाम

ख़बरें अभी तक। आज के अपने इस टॉपिक में हम आपको ‘पृथ्वी की बहन’ के बारें में कुछ रोचक जानकारी देंगे। सबसे पहले आपको बता दें कि अमरीकी खगोलशास्त्रियों ने अंतरिक्ष की गहराइयों में से आठ नए ऐसे ग्रह खोजे हैं, जो पृथ्वी से मिलते-जुलते हैं। इन खगोलशास्त्रियों के अनुसार आठ में से एक ग्रह ऐसा है जोकि पृथ्वी से सबसे ज़्यादा मिलता-जुलता’ ग्रह है और यह है शुक्र ग्रह।

पृथ्वी से सबसे ज़्यादा मिलते-जुलते इस ‘ग्रह’ को वैज्ञानिक भाषा में ‘केपलर 438b’ नाम दिया गया है। बता दें कि इससे पहले ‘केपलर 186f’ की खोज हुई थी, जिसे पृथ्वी जैसा ग्रह और पृथ्वी का जुड़वां ग्रह कहा गया था और अब केपलर 438b को पृथ्वी के अधिक समीप माना जा रहा है। जोकि पृथ्वी से आकार में 12 फ़ीसदी अधिक बड़ा है और केपलर186f से लंबा-चौड़ा है।

बता दें कि केपलर 438b का तापमान हमारी धरती के तापमान से ज़्यादा मिलता है। हमारी धरती सूरज से जितनी ऊर्जा लेती है उसकी तुलना में केपलर 438b अपने तारे से 40 फ़ीसदी अधिक ऊर्जा लेता है। शुक्र ग्रह सूर्य से दूसरा ग्रह है और सौर मण्डल का 6वां सबसे बड़ा ग्रह है। इन सभी ग्रहों का पता नासा की केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने लगाया है।

शुक्र ग्रह की खास बात यह है कि यह आकाश में सूर्य और चांद के बाद सबसे ज्यादा चमकता है और इस ग्रह का एक दिन एक साल से बड़ा होता है। पहले शुक्र और पृथ्वी में पाई जाने वाली समानताओं और शुक्र पर बादल के कारण अनुमान लगाया गया था कि शुक्र पर शायद जीवन होगा पर बाद में भेजे गये उपग्रहों और यानो से जानकारी मिली की दोनों ग्रह एक-दुसरे से काफी अलग है और शुक्र पर जीवन होना नामुनकिन है।