21 फरवरी को है महाशिवरात्रि का महापर्व,जानें कैसे करें रूद्राभिषेक

ख़बरें अभी तक। इस वर्ष महाशिवरात्रि 21 फरवरी दिन शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन से जुड़ी खास बात ये है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे। इसके संबंध में आपको जानकारी दें दें कि अगर आपकी कोई मनोकामना है या कोई ऐसा कार्य है, जो पूरा नहीं हो पा रहा है तो महाशिवरात्रि के दिन आपको भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराना चाहिए। रुद्राभिषेक में शिवलिंग को पवित्र जल से स्नान कराते हैं।उनका विधिपूर्वक पूजन करते हैं। अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अलग अलग वस्तुओं से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने की विधि बतायी जाती है।चलिए आपको बताते है रुद्राषिभेक कराने के लिए किन किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है और उसकी विधि किस प्रकार से है-

बता दें कि रुद्राभिषेक करने से पहले हमें उसके लिए सामाग्री और अन्य तैयारियों की जरूरत होती है। रुद्राभिषेक के लिए गाय का घी, दीपक, पुष्प, चंदन, गंध, धूप, कपूर, मौसमी फल, पान का पत्ता, सुपारी, नारियल आदि की व्यवस्थ्या करनी होती है। अब जिस मनोकामना पूर्ति के लिए आपको रुद्राभिषेक कराना है, उसके लिए संबंधित वस्तु की व्यवस्था करें, जैसे दूध, दही, शहद, गन्ने का रस आदि।

अब माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, नौ ग्रह, माता लक्ष्मी, सूर्य देव, अग्नि देव, ब्रह्म देव, पृथ्वी माता आदि को पूजा में शामिल करते हैं। शिव-पार्वती, गणेश जी और नौ ग्रह को पूजा स्थान पर आसन पर स्थापित करते हैं। इसके पश्चात इन सभी देवों का विधि पूर्वक पूजन करें और फिर शिवलिंग की पूजा करें। पुरोहित भगवान शिव के मंत्रों का उच्चारण करते हैं और फिर शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक कराया जाता है। फिर भगवान शिव को घर पर बने व्यंजन, फल, फूल आदि अर्पित करते हैं। इसके बाद शिव जी की आरती करते हैं। रुद्राभिषेक के समय ओम नम: ​शिवाय मंत्र का उच्चारण किया जाता है। रुद्राभिषेक के गंगाजल को प्रसाद स्वरूप लोगों को दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसे ग्रहण करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

रुद्राभिषेक से होने वाले 10 लाभ

  1. जल से रुद्राभिषेक करने से बारिश होती है।
  2. धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक होता है।
  3. धन-संपदा की वृद्धि के लिए शहद और घी से रुद्राभिषेक कराएं।
  4. 4. पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए दूध से रुद्राभिषेक होता है।
  5. असाध्य रोगों से निवारण के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक कराएं।
  6. शत्रुओं पर विजय के लिए सरसों के तेल से रुद्राभिषेक होता है।
  7. आरोग्य जीवन प्राप्त करने के लिए गाय के दूध और घी से रुद्राभिषेक कराया जाता है।
  8. मोक्ष की प्राप्ति के लिए किसी तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक कराते हैं।
  9. घर, वाहन आदि की कामना पूर्ति के लिए दही से रुद्राभिषेक होता है।
  10. ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति के लिए शक्कर युक्त दूध से रुद्राभिषेक कराया जाता है।