ज्वालामुखी: सरकारी स्कूलों में बच्चों के खेल परिसर पर शिक्षकों का कब्जा, मैदान में पार्क कर रहे गाड़ियां

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जहां शिक्षकों को गुणवतायुक्त शिक्षा देने का जिम्मा सरकार ने सौंप रखा हैं। वही शिक्षक जिला कांगड़ा के सरकारी स्कूल परिसरों को अपनी गाडियों की पार्किंग करके बच्चों से खेलने के लिए बनाए गए मैदान की जगह भी छिनने से गुरेज नही कर रहे हैं। शायद यही बजह है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की दिन व दिन संख्या कम होती जा रही है और बच्चें प्राईवेट स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं।

बतातें चले किं ज्वालामुखी उपमंडल में जब पड़ताल की गई तो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अधवानी में स्कूल परिसर में आधा दर्जन शिक्षकों की गाडियां की पार्किंग की गई। परिसर में खाली मैदान की जगह हर तरफ गाडियां ही नजर आई। ऐसे ही जिला में दर्जनों अनगिनत स्कूल है जहां पर स्कूल परिसर के अंदर ही शिक्षक गाडियां खडी करते हैं। हैरत कि बात है कि स्कूल मे शिक्षा देने के लिए आए शिक्षकों को इस बात से कोई भी सरोकार नही है कि स्कूल के परिसर मैदान में गाडियां खडी हो जाने से जहां बच्चों के खेलने के लिए जगह नही बचेगी। वहीं गाडियों की आवाजाही से कभी भी कोई भी दुर्घटना घटित हो सकती है जिसमें जान माल का नुक्सान हो सकता है।

हैरत कि बात है कि जहां शिक्षक स्कूल परिसर में अपने वाहनों की पार्किंग करके बच्चों के खेलने के जगह छिन रहें हैं। वहीं उच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर फार्मल ड्रैस पहनने से भी गुरेज कर रहे हैं और जींस पहनकर स्कूलों में छात्र छात्राओं को शिक्षा दे रहे हैं। ऐसे में अब शिक्षा विभाग शिक्षकों की मनमानी पर कैसे रोक लगाता यह तो समय ही बताएगा। उपनिदेशक उच्च शिक्षा धर्मशाला गुरदेव सिंह ने फ़ोन पर बताया कि शिक्षको को स्कूल परिसर में वाहन पार्किंग के कोई आदेश नही किए हैं। जिन स्कूलों में ऐसा हो रहा है जबाब मांगा जाएगा। वहीं सरकारी स्कूलों में उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद भी जो शिक्षक फार्मल ड्रैस से परहेज करके जींस में आ रहे हैं उन्हे भी जल्द फार्मल ड्रैस में ही स्कूल आने के लिए पत्र जारी किया जाएगा।