युवा कांग्रेस ने रास्ते से बर्फ हटाकर सरकार की नालायकी पर किया गांधीगिरी का तंज

खबरें अभी तक। शिमला में भारी बर्फबारी के बाद चार दिनों तक भी सड़कों से बर्फ नहीं हटाए जाने और चार दिनों तक भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं चलने के विरोध में अब जनता और राजनीतिक दल सरकार की खिलाफत में उतर आए हैं। कांग्रेस की युवा टीम ने आज शिमला में जिला उपायुक्त के सरकारी आवास के पास हाथ में गैंती बेलचा लेकर रास्ता खोलने की मुहिम शुरू करते हुए सरकार की नाकामियां उजागर करने का प्रयास किया। युवा कांग्रेस अध्यक्ष की अध्यक्षता में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के एक दल ने शिमला के मशहूर टका बैंच से बर्फ हटाने का अभियान शुरू करते हुए सरकार और जिला प्रशासन को जमकर लताड़ लगाई।

युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार पर प्रदेश के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ने के आरोप लगाए। युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बांस्तु ने खबरें अभी तक के साथ खास बातचीत में सरकार पर लोगों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल संजीदा नहीं होने के आरोप लगाए। युवा कांग्रेस शहरी अध्यक्ष ने कहां के आज तक के इतिहास में कभी ऐसा देखने को नहीं मिला के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन शहर और प्रदेश की राजधानी शिमला में 4 दिनों बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसती रही है और शहर की सड़कें शीशा बनने के बाद ना ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू हो पाया है और ना ही पैदल रास्ते लोगों के लिए बहाल किए जा सके हैं।

शहर की शीशा बनी सड़कें अब जानलेवा साबित हो रही है और इसी बीच दोनों के गिरने से मौतें होने की भी जानकरी है। युवा कांग्रेस ने जिला उपायुक्त के आवास की तरफ श्रमदान करते हुए बर्फ हटाने का अभियान शुरू किया है और सरकार के साथ जिला प्रशासन को भी जमकर लताड़ लगाई है। युवा कांग्रेस ने कहा कि इसके बाद उनके वालंटियर हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल आईजीएमसी में भी ऐसा ही अभियान चलाने वाले हैं। क्योंकि सरकार ने इमरजेंसी रास्ते जो अस्पताल की तरफ जाते हैं वह तक भी खोलने की जहमत नहीं उठाई है।

युवा कांग्रेस अस्पताल के रास्ते खोलने की भी कोशिश करेगी इस बीच युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ने शिमला नगर निगम को भी कटघरे में खड़ा किया । शहर के निगम पार्षदों को छुट्टियां बिताने के लिए पोर्ट ब्लेयर जाने और अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने को लेकर भी सवाल खड़े किए । शहर की बदहाली को लेकर जहां राजनीतिक दल सरकार के खिलाफ हमलावर है तो शहरवासी भी सरकार के असंवेदनशील रवैये से बेहद नाराज और आक्रोशित नज़र आरहें है। इस बीच मौसम का मिज़ाज़ भी दोबारा खतरे के संकेत दे रहा है।