सिरमौर व उत्तराखंड में माघी त्योहार की धूम, जानिए क्या है इस त्योहार की मान्यता

ख़बरें अभी तक। जिला सिरमौर और उतराखंड के बावर- जौंनसार क्षेत्र की सदियों पुरानी लोक संस्कृति, परंपराओं को संजोए रखने के लिए मशहूर, व लाखों की आबादी वाले गिरिपार क्षेत्र के बाशिंदो का आज से माघी त्योहार शुरू हो गया है। माघी त्योहार चार दिवसीय होता है। जानकारी के मुताबिक आज इस त्योहार के चलते समुचे सिरमौर में 50 हजार से ज्यादा बकरे कटेंगे, जिनकी कीमत करोड़ में मानि जा रही है।बता दें कि मांघी त्यौहार आज (शनिवार) से शुरू हो गया है, जो कि संक्रांति के बाद आने वाले (खोड़े) तक मनाया जाता है। खोड़े वाले दिन तक हाटी समुदाय के लोग इस त्यौहार को मनाते हैं। हालांकि यह त्यौहार हाटी समुदाय के लिए सबसे महंगा और बड़ा त्योहार माना जाता है। लेकिन पुरानी परंपरा से चली आ रही है, इस प्रथा को आज भी मानाया जा रहा है।आज माघी के त्यौहार शुरू होने से पहले हर घर में माँ काली के नाम से हलवा या खैंढा बनाया जाता है। माँ काली के नाम से प्रसाद (खेंढा )बनाने के बाद पहले माँ काली को चढ़ाते है। उसके बाद यह त्यौहार शुरू हो जाता है। इस त्यौहार में खासकर मेहमानों को अधिक बुलाया जाता है और नाच गाना किया जाता है ।