बीएसएनएल को दिया जाए पब्लिक व्हीकल की ट्रेनिंग का कंट्रोल रूम का काम

खबरें अभी तक। पब्लिक व्हीकल की ट्रेनिंग व यात्रियों की सुरक्षा के लिए हिमाचल परिवहन विभाग ने अभी तक कंट्रोल रूम या कंमाड सेंटर का काम शुरू नहीं किया है। परिवहन विभाग बीएसएनलएल को कंट्रौल सेंटर का काम देने की बजाय एक अनुभवहीन कंपनी को देने की फिराक में है। इसके कारण कंट्रोल सेंटर बनाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। अंतराष्ट्ररीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ कमल सोई ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान परिवहन विभाग पर आरोप लगाया है कि विभाग कंट्रोल रूम को बनाने का काम चंढीगढ़ की एक अनुभवहीन कंपनी को देने की फिराक में है, जबकि यह काम सरकारी कंपनी बीएसएनएल को मिलना चाहिए था।

उनका कहना है कि दिल्ली, उड़ीसा, झारखंड और जम्मू में कंट्रौल रूम स्थापित किए जा चुके हैं, इन राज्यों में बीएसएनएल की ओर से यह काम किया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह काम बीएसएनएल को देने की बजाए निजी व अनुभव हीन कंपनी को देने पर बात हो रही है। उन्होंने संदेह जताया है कि अगर निजी कंपनी को यह काम दिया जाता है तो इससे निजी कंपनी के पास वाहनों का डाटा चला जाएगा। इससे डाटा के गलत इस्तेमाल की संभावनाए बढ़ जाएंगी। उन्होंने मांग की है कि कंट्रोल रूम स्थापित करने का काम निजी कंपनी को देने की बजाए बीएसनएल को ही दिया जाए। उन्होंने बताया कि इसके बारे में उनकी ओर से सरकार को भी पत्र लिखा गया है। उनकी माने तो प्रदेश के कम से कम चार लाख के करीब पब्लिक वाहनों में जीपीएस व व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगना है।

प्रदेश में करीब 20 हजार के आसपास वाहनों में जीपीएस व व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने काम का शुरू किया जाएगा, लेकिन कंट्रौल रूम बनाने काम शुरू नहीं हुआ है। इस लिए बनना है कंट्रोल रूमकेंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पब्लिक वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीपीएस व व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने के आदेश दिए है। इसके अलावा सभी पब्लिक वाहनों में एक पैनिक बटन भी लगना है, आपातकाली की स्थिति में पैनिक बटन दबाने से कंट्रोल रूम में मैसेज जाएगा और कंट्रौल रूम से मैसेज सीधा पुलिस व एंबुलेंस को जाएगा। वाहनों में लगने वाले व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की जानी है।