मंडी तेजाब कांड की दो पीड़िताओं को मिलेगा 25 लाख का मुआवजा

ख़बरें अभी तक। जिला एवं सत्र न्यायधीश की अगुवाई वाले क्रिमिनल इंजरी कम्पनसेशन बोर्ड ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तेजाब कांड की दो पीडिताओं को 25 लाख रूपए का मुआवजा अदा करने का फरमान सुनाया है। यह मुआवजा राज्य सरकार द्वारा अदा किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2005 में मंडी में एक मनचले ने चलती बस में बैठी युवतियों पर तेजाब फैंक दिया था। इस तेजाब कांड के कारण करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे। जबकि दो युवतियां बूरी तरह से जख्मी हुई थी। एक युवती की दोनों आंखे चली गई और वह 100 प्रतिशत दिव्यांग हो गई जबकि दूसरी 40 प्रतिशत दिव्यांग हुई है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर जिला एवं सत्र न्यायलय में गठित इस बोर्ड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पीडि़ताओं को यह राशि देने का फरमान सुनाया है। 100 प्रतिशत दिव्यांग युवती को 13 लाख जबकि दूसरी युवती को 12 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। जिला न्यायलय मंडी में लीगल सर्विस अथॉरिटी के मिडिएटर समीर कश्यप ने बताया कि बोर्ड द्वारा तेजाब कांड की पीडि़ताओं को राहत देने के लिए ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के इतिहास में तेजाब कांड की पीडि़ताओं को अभी तक इतनी बड़ी मुआवजे की रकम अदा नहीं हुई है और यह अपनी तरह का पहला मामला है।

बता दें कि क्रिमिनल इंजरी कम्पनसेशन बोर्ड में जिला एवं सत्र न्यायधीश इसके चेयरमैन होते हैं जबकि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश इसके सचिव होते हैं। जबकि डीसी मंडी, एसपी मंडी और सीएमओ मंडी इसके सदस्य होते हैं। बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन आरके शर्मा और सचिव असलम वेग ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया। बोर्ड के सचिव एवं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश असलम वेग ने मामले की गंभीरता को समझा और तेजाब कांड की पीडि़ताओं के इस मामले को गहनता से स्टडी किया। समीर कश्यप बताते हैं कि मामला 2005 का था और उसके बाद कानूनों में कई प्रकार के बदलाव हुए। जब हमला हुआ तो उस वक्त मुआवजे का प्रावधान नहीं होता था। लेकिन सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने मामले की गंभीरता को समझा और यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।

क्या था मंडी का एसिड अटैक मामला?

27 मई 2005 को इस मामले की मुख्य पीडिता जब बस में बैठ कर अपने घर जा रही थी तो इसी दौरान एक युवक ने बस में चढ़ कर हाथ में ली एसिड की बोतल से मुख्य पीडिता पर एसिड छिडक दिया था। जिससे मुख्य पीडिता, दूसरी पीडिता सहित बस में सवार 11 लोग घायल हो गए थे। पीडिताओं का इलाज लंबे समय तक अस्पताल में चलता रहा। इस मामले के आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी। आरोपी की ओर से उच्च न्यालय में दायर अपील में भी सजा बरकरार रखी गई थी। आरोपी इस समय उम्र कैद की सजा काट रहा है।