फर्जी मतदाता सूची में फंसे हरियाणा के पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया, पढ़िए ख़बर

ख़बरें अभी तक। फर्जी मतदाता सूची में फंसे हरियाणा के पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया द्वारा अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के मामले में हाई कोर्ट ने इस मामले से जुड़ा पुरा रिकार्ड समन कर लिया है। सुखबीर कटारिया द्वारा एफआईआर रद्द करने की मांग का विरोध करते हुए इस मामले में शिकायत कर्ता के वकील परदीप रापड़िया ने हाई कोर्ट को बताया कि पूर्व मंत्री ने चुनाव जीतने के लिए फर्जी वोट का सहारा लिया था।

अधिकांश वोटर फार्म पूर्व राज्यमंत्री ने अपनी हैंड राइटिंग में भरे हैं,जबकि कुछ दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। पूर्व मंत्री ने षड्यंत्र के तहत गुड़ग़ांव में अन्य लोगों से मिलकर हाउस टैक्स की फर्जी रसीद तैयार की, फर्जी राशन कार्ड, फर्जी बिजली के बिल बनाकर वोट कार्ड बनवाए। इतना ही नहीं एक-एक व्यक्ति के कई कई फर्जी वोट भी बनवाए गए। इन वोटों का इस्तेमाल पूर्व राज्यमंत्री ने 2009 में हुए विधानसभा चुनावों में अपने पक्ष में किया और जीत हासिल भी की। उनके खिलाफ लगभग 32 एफआईआर दर्ज है।

शिकायतकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने फर्जी वोट से जुड़ा रिकार्ड हाई कोर्ट में पेश करने करने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि रिकार्ड हाई कोर्ट लाने व अन्य खर्च जो भी होगा उसका खर्च पूर्व मंत्री से वसूला जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।

आपको बता दें साल 2009 के चुनाव में सुखबीर कटारिया गुरुग्राम से जीते थे। उन पर आरोप था कि 32000 से ज्यादा जाली वोट बनवाई है। चुनाव के बाद शिकायतकर्ता ओमप्रकाश की शिकायत पर चुनाव आयोग ने 32000 वोट डिलीट की थी। कटारिया के खिलाफ यह भी आरोप है कि इन 32000 वोटों के  फॉर्म उनकी हैंडराइटिंग से भरे गए थे।