हरियाणा एक्साइज विभाग में एक इंस्पेक्टर ने सरकार को लगाया करोड़ों रूपये का चुना

ख़बरें अभी तक। चंडीगढ़: हरियाणा एक्साइज विभाग में एक इंस्पेक्टर द्वारा सरकार को करोड़ों रूपये का चुना लगाने के मामले में हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव और मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी हेड भारती अरोड़ा पेश हुए। कोर्ट में डीजीपी और भारती अरोड़ा ने पेश होकर बताया कि मामले की जांच कहां तक पहुंची है। अगली सुनवाई में सरकार एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी।

दरअसल पंकज बाटला इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत थे। साल 2001 से 2015 तक अंबाला में तैनाती के दौरान उनपर 37 लाख के गबन का आरोप है कि टैक्स के पैसे ट्रेजरी में जमा न करवा कर अपने खातों में जमा किये। जिसपर साल 2016 में FIR दर्ज हुई थी। मामला की जांच के लिये एसआईटी बनाई गई थी।

हाई कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा के डीजीपी को बुधवार पेश होने के लिए कहा था। जहां मंगलवार हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच सही तरीके से नहीं चल रही है। जांच दल इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा। इसलिए यह जरूरी है कि हरियाणा के डीजीपी कोर्ट में पूरे रिकार्ड के साथ आए व कोर्ट को बताए कि इस गंभीर मामले की जांच सुस्त तरीके से करने के पीछे क्या कारण है। हाई कोर्ट ने यह आदेश आबकारी व कराधान के निरीक्षक पंकज बाटला की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

आपको बता दें बाटला के खिलाफ अंबाला पुलिस ने जनवरी 2016 में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर उनको गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने विभाग से चालान की 66 वैट चालान बुक ली जिसके माध्यम से उनको विभाग के लिए राजस्व एकत्र कर सरकारी खजाने में जमा करवाना था। लेकिन आरोपी ने न तो चालान बुक जमा करवाई और न ही वैट के तौर पर ली गई राशी।

मामले की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि यह खेल लगभग 17 साल से चल रहा था। सुनवाई के दौरान बेंच ने जब जांच अधिकारी से पुछा कि क्या उसने इस बात की जांच की। पहली चालान बुक जमा करवाने से पहले उसको दूसरी चालान बुक कैसे जारी कर दी। क्या जांच अधिकारी ने इस बात की जांच की। इस पर कोर्ट को बताया गया कि इस बात का रिकार्ड ही नहीं मिला।

हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि यह एक बड़ा गिरोह है व इसकी जांच जरूरी है। हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था लेकिन एसआईटी ने  मामले में कुछ जांच नहीं की जिस पर हाई कोर्ट ने अब कड़ा रूख अपनाते हुए डीजीपी को पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।