किसानों की आय बढ़ाने वाले पीएम मोदी के लक्ष्य को पूरा करेंगें : दलाल

खबरें अभी तक। भिवानी में मीडिया से रूबरू हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कृषि, पशुपालन व डेयरी विभाग को लेकर अपनी परिकल्पना पीएम मोदी द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि खाद, बीज व दवाईयों में होने वाली मिलावट दूर कर किसानों के उत्पादों के लिए बड़ी व बेहतर मंडी बनाना है। साथ ही कहा कि हम ग्रामीण युवाओं को नौकरी की बजाय गांव में ही रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में काम करेंगे।

बता दें कि कृषि मंत्री जेपी दलाल शनिवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में पहली बार मीडिया से रूबरू हुए। दलाल ने इस दौरान अपने सभी विभागों के माध्यम से भविष्य में किए जाने वाले कार्यों व योजनाओं की परिकल्पना के बारे में बताया। कृषि मंत्री ने कहा कि हम प्रचार कम और काम ज्यादा करने पर विश्वास करेंगे और फिर भी मुझ में या मेरे विभाग में कोई कमी हो तो मीडिया उसे उजागर करें, ताकि हर कमी को समय रहते दूर किया जा सके।

जेपी दलाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य लोगों की भावनाओं पर खरा उतरना है। उन्होंने कहा कि मेरी परिकल्पना है कि मेरे हर विभाग की हर योजना को नीचे से नीचे स्तर के व्यक्ति को लाभ मिले। इसके लिए किसानों व पशुपालकों के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए जैविक खेती और टपका सिंचाई को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही खाद, बीज व दवाओं में होने वाली मिलावट को बंद करने के लिए बढ़े कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला स्तर पर लैब बनाई जाएंगी, ताकि किसी प्रकार की मिलावट ना रहे और किसानों को आर्थिक नुकसान ना हो।

जेपी दलाल ने बताया कि हम गांवों के युवाओं को सरकारी नौकरी की बजाय उन्हे गांव में ही रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में काम करेंगें। इसके लिए युवाओं में स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जाएगा। साथ ही कृषि व बागवानी विभाग द्वारा किसानों को 3 और 6 माह के ऐसे कोर्स करवाएं जाएंगे, ताकि वो कनाडा जैसे देशों में जाकर खेती व बागवानी करके अपने जीवन स्तर को उंचा उठाएं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य पहले साल एक हजार प्रशिक्षित किसान तैयार कर उन्हें विदेश भेजना है। जो बाद में अपने आप इस संख्या को एक हजार से कई हजार कर लेंगें।

इसके साथ ही कृषि मंत्री जेपी दलाल ने माना कि देश में भंडारण की बहुत बड़ी समस्या है। जिसके चलते फसलें व सब्जियां खराब हो जाती हैं और उनके दामों में कई बार बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि समय के साथ भंडारण की कमी को दूर किया जाएगा। किसानों को जैविक खेती व टपका सिंचाई की तरफ अग्रसर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गन्नौर की सब्जी मंडी को एशिया की सबसे बड़ी व आधुनिक मंडी के तौर पर विकसित किया जाएगा। साथ ही सोनिपत में मशालों की बङी मंडी, पिंजौर में सब्जी मंडी और गुरूग्राम में फूलों की मंडी बनाई जाएगी।