जानिए क्यों खुले में शौच करने को मजबूर स्कूली छात्रांए ,क्या ऐसे बनेगा स्वच्छ भारत ?

ख़बरें अभी तक। सिरमौर के शिलाई में राजकीय प्राथमिक विद्यालय के छात्र और छात्राओं की स्थिति बड़ी दयनीय है। विद्यालय के शौचालय गंदगी से भरे पड़े हैं। शौचालयों में गंदगी होने की वजह से छात्र-छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए विद्यालय के पास पानी की टंकी रखी गई है, लेकिन उसमें पीने के लिए पानी नहीं है। आईपीएच विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है। इसलिए पानी के लिए भी छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कभी-कभी तो छात्रों को पीने के पानी के लिए गांव में जाना पड़ता है। 5 महीनों से खराब पड़ी पाइपलाइन को सही कराने के लिए कई बार शिकायत की गई। लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

 

क्या कहा स्कूली छात्राओं ने-

वहीं इस मामले में स्कूली छात्राओं ने बताया कि आईपीएच विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है। पिछले 5 महीने से स्कूली छात्राएं पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो रही है। हालांकि स्कूल के प्रधानाचार्य काफी दूर से पीने का पानी मंगवा देते हैं। लेकिन शौचालय के लिये तो आज भी बाहर जाना पड़ रहा है। जहां केंद्र सरकार देश को खुले में शौच मुक्त करने, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात कर रही है। लेकिन ऐसे में यहां पर बेटियों को खुले आसमान के नीचे शौच करना पड़ रहा है। यहां के प्रशासन और नेताओं को बेटियों की समस्या नजर नहीं आ रही है। स्कूल की छात्राओं ने कहा कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। अन्यथा छात्राओं का सब्र का बांध टूट कर सड़कों पर भी आ सकता है और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की जाती है।

वहीं प्रधानाचार्य चमेल सिंह ने बताया कि छात्राओं की इस समस्या का समाधान के लिए कई बार आईपीएच विभाग के कर्मचारियों को लिखित रूप में शिकायत भी दी गई है। लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। उन्होंने भी विभाग के कर्मचारियों से आग्रह किया है कि विद्यालय में जल्द से जल्द पानी पहुंचाया जाए ताकि यहां कि बेटियों को कोई समस्या दोबारा उत्पन्न ना हो। प्रधानाचार्य चमेल सिंह ने बताया कि अब एसएमसी की मीटिंग में आईपीएस विभाग को प्रस्ताव लिखा जाएगा और इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने के आदेश भी दिए जाएंगे ताकि समस्याएं दूर हो सके।