नन्हे मुन्ने बच्चे शौचालय के बाहर खुले में शौच करने को मजबूर

खबरें अभी तक। एक ओर जहां केंद्र व प्रदेश सरकार सहित सभी विभागों की ओर से लोगों को खुले में शौच करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर हैं। इसका ताजा उदाहरण जिला मुख्यालय कुल्लू के खोरीरोपा स्थित राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला में सामने आया है। जहां पर शौचालय तो हैं लेकिन अन्य सुविधा न होने के कारण नन्हें मुन्ने बच्चे खुले में शौच कर रहे हैं। आलम यह है कि बिना सुविधा के यह सभी शौचालय शोपीश बने हुए हैं।

दरअसल, इस स्कूल में तीन-चार शौचालय बनाए गए हैं लेकिन करीब एक माह पूर्व इन सभी शौचालयों के अंदर का सारा सामान चोरी हो गया है जिसके चलते अब स्कूल में पढ़ रहे सभी बच्चे खुले में ही शौच कर रहे हैं। आलम यह है कि हर रोज स्कूल के शौचालयों के बाहर ही बच्चे खुले में शौच कर रहे हैं और कई बच्चों के शौच से गंदे हुए कपड़े भी शौचालयों के बाहर की खुले में बिखरे हुए हैं, लेकिन 250 के करीब बच्चों के अलावा आंगनबाड़ी के बच्चे भी इन्हीं शौचालयों को इस्तेमाल करते हैं। शौचालयों की हालत खस्ता है बावजूद इसके विभाग आंखे बंद करके इससे अनभिज्ञ बने बना हुआ है।

स्कूल की मुख्याध्यापिका के अनुसार अक्टूबर माह में स्कूल के शौचालयों से सारा सामान चोरी हो गया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत भी की थी और उच्चाधिकारियों को भी पत्राचार के माध्यम से अवगत करवाया था। हैरानी इस बात की है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी शौचालयों में सामान का प्रबंध नहीं किया गया और न ही अन्य कोई कार्रवाई अमल में लाई गई है। सामान चोरी होने के बाद से लेकर अभी तक सभी बच्चे खुले में ही शौच कर रहे हैं।

शौचालयों के सामने ही अंदर की तरफ को मिड डे मील तैयार किया जाता है और साथ ही नल भी हैं और ऐसे हालातों में बच्चे किस तरह से स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त के बारे में जागरूक हो पाएंगे। लिहाजा, इस सरकारी स्कूल में पढ़ रहे नन्हें मुन्ने बच्चों की परेशानी को देखते हुए स्वच्छता और खुला शौच मुक्त जैसे अभियान कोरे साबित हो रहे हैं। स्कूल में चौकीदार है यदि चौकीदार होने के बावजूद शौचालयों का सामान चोरी हुआ है तो इस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।