पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती से किसान हुए खफा, केस वापिस लेने की मांग

ख़बरें अभी तक। पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती से किसान खफा हुए है, रतिया में किसानों की महापंचायत हुई, जहां किसानों के विरूद्ध दर्ज केसों को वापिस लेने की मांग की गई, बता दें कि किसान संघर्ष समिति के बैनर तले यह पंचायत हुई, किसानों ने आर पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है,किसानों ने कहा कि वे 27 नवंबर को डीसी कार्यालय पर धरना देंगे, वहीं किसानों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन की सख्ती जारी है। आरोपी किसानों के विरुद्ध मुकद्दमें दर्ज होने के बाद अब गिरफ़्तारियां भी शुरु हो गई हैं। प्रशासनिक कार्रवाई से खफा इलाके के किसानों ने आज रतिया में एक पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित इस महापंचायत में किसानों ने प्रशासनिक कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए किसानों के विरूद्ध दर्ज किए गए मुकद्दमें वापिस लेने की मांग की है।

वहीं किसान नेताओं ने पराली जलाने के लिए सीधे तौर पर शासन और प्रशासन को जिम्मेवार बताया है। किसानों का कहना था कि सरकार पराली को लेकर हर बार कोई न कोई वादा करती है, मगर जमीनी स्तर पर वो पूरा नहीं होता। किसानों ने कहा कि इस बार प्रशासन ने इस जिस प्रकार से किसानों के खिलाफ मुकद्दमें दर्ज करने का काम किया है। वह सरासर अन्यायपूर्ण है।

किसानों का कहना था कि किसान अपनी मर्जी या खुशी से पराली को आग नहीं लगा रहे है। उनके सामने भी मजबूरी है। अगर सरकार पराली प्रबंधन के लिए कोई योंजना अथवा संसाधन मुहैया करवाए तो किसान पराली नहीं जलाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकद्दमें वापिस नहीं लिए तो किसान आर पार की लड़ाई लड़ेगे और जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।