ऊना में बैंकों के एनपीए की स्थिति चिंताजनक, लीड बैंक मैनेजर ने ग्राहकों से की कर्ज वापसी की अपील

ख़बरें अभी तक: ऊना जिला में बैंकों की गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की स्थिति काफी चिंताजनक है। ऊना जिला में एनपीए की प्रतिशतता का आंकड़ा देश की कुल प्रतिशतता से काफी अधिक है। पंजाब नैशनल बैंक के लीड बैंक प्रबंधक की माने तो ऊना जिला में 20 प्रतिशत के करीब एनपीए है। लीड बैंक मैनेजर ने कहा कि यह आंकड़ा बहुत ज्यादा है। उन्होंने जहां ग्राहकों से समय पर कर्ज वापिस करने की अपील की है वहीं बैंकों से भी कर्ज रिकवरी के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान किया है। गैर निष्पादित परिसंपत्ति (नॉन–परफॉर्मिंग असेट) जिसे साधारण भाषा में एनपीए कहा जाता है, जिसका सीधा सम्बन्ध ऋण न चुकाने से होता है।

जब ऋण लेने वाला व्यक्ति 90 दिनों तक ब्याज या मूलधन का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसे एनपीए मान लिया जाता है। ऊना जिला में एनपीए की स्थिति बहुत खराब है। पीएनबी के लीड बैंक मैनेजर जयपाल भनोट की माने तो ऊना में एनपीए की प्रतिशतता राष्ट्रीय प्रतिशतता से बहुत अधिक है और ऊना जिला में करीब 20 प्रतिशत एनपीए है जोकि किसी भी तरह से स्वीकार करने योग्य नहीं है। भनोट ने कहा कि इस विषय को लेकर लगातार बैंकों से बैठक भी की जा रही है। जिसमें बैंकों को एनपीए की रिकवरी के दिशा निर्देश दिए जाते है।

वहीं भनोट ने ग्राहकों से भी बैंकों से लिए गए कर्ज को समय पर वापिस करने की अपील की है। भनोट ने कहा कि बैंकों के पास जो पैसा होता है वो ग्राहकों का ही होता है और अगर कर्ज के रूप में दिया गया पैसा वापिस नहीं होगा तो इससे अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पड़ता है। लीड बैंक मैनेजर भनोट ने कहा कि बैंक एनपीए की रिकवरी के लिए लगातार प्रयासरत है और जरूरत पढ़ने पर क़ानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।