सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा की गई घोषणाओं पर विपक्ष ने उठाए सवाल

खबरें अभी तक। उत्तराखंड राज्य में सत्ता किसी  भी पार्टी की रही हो..सभी मुख्यमंत्रियों ने दिल खोलकर घोषणाएं की हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी राज्य विकास के लिये जो घोषणाएं की उन पर विपक्ष सवाल उठा रहा हैं. विपक्ष का मानना है की सीएम त्रिवेंद्र जनता से झूठें वायदे कर रहें हैं. हालांकि बीजेपी ने भी विपक्ष के सवालों का जवाब दिया है.

उत्तराखंड राज्य बने 19 वर्ष हो गए. इन वर्षों में चौथी विधान सभा का कार्यकाल चल रहा है.  पहले विधान सभा चुनाव 2002 से आज तक उत्तराखंड राज्य में बीजेपी या फिर कांग्रेस की ही सरकारें सत्ता पर काबिज़ रही हैं. 19 वर्षो के सत्ता कार्यकाल में 9 मुख्यमंत्री देखने वाले इस राज्य ने सियायत तो ख़ूब देखी.. लेकिन ज़मीनी हकीकत की तरक़्क़ी से आज भी ये राज्य कोसों दूर नज़र आता है.

सत्ता पर बैठने वाले सभी पार्टियों के मुख्य मंत्रियों ने ख़ूब घोषणाएँ की पर उन घोषणाओं पर कम ही मुख्यमंत्री खरा उतर पाए..हालांकि हालिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बी फ़िजूल की घोषणाएं से बचने की कोशिश की सीएम त्रिवेन्द्र जो भी घोषणा करते हैं उसे पूरा करने की कोशिश करते नज़र आते हैं. लेकिन विपक्ष को लगता है कि सीएम जनता से झूठें वायदें कर रहें हैं.

विपक्ष के सवालों पर बीजेपी अपना अलग ही तर्क रखती है. बीजेपी की माने तो आज तक जितना भी विकास राज्य में हुआ है वो भाजपा की ही सरकारों ने किया है. यही नहीं बीजेपी नेताओं ने तो जवाब में ये भी कह डाला कि  राज्य में जब जब कांग्रेस की सरकारें रही तभी भ्रष्टाचार बढ़ा है..लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने भ्रष्टाचार को राज्य से ख़त्म किया है ।

घोषणाओं को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हमेशा से आरोप प्रत्यारोप चलता रहा है. लेकिन राज्य की जनता ये मानती हैं कि आज भी सत्ता पर बैठनें वाली तमाम सरकारें उत्तराखंड सूबे का पूर्ण विकास नही कर पाई ।