लेबर हॉस्टल का किराया बढ़ाने पर शिमला में बिखरे मजदूर

खबरें अभी तक। शिमला में लेबर हॉस्टलों के किराये को 283 से बढ़ाकर 7080 सालाना करने पर शिमला में मजदूर भड़क उठे हैं। मामले को लेकर शिमला पोर्टरज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का एक प्रतिनिधिमंडल किराया वृद्धि के खिलाफ नगर निगम शिमला के आयुक्त से मिला व किराया बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग की। आयुक्त ने आश्वासन दिया कि बढ़ा हुआ किराया अभी नहीं वसूला जाएगा। सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि नगर निगम शिमला के अधीन कार्य कर रहे पांच लेबर हॉस्टलों में रहने वाले चार सौ से ज़्यादा मजदूरों के लेबर होस्टल अंग्रेजों के ज़माने से बने हैं व उस ज़माने में इन लेबर हॉस्टलों में गरीब मजदूरों को बिल्कुल मुफ्त में रहने की सुविधा दी जाती थी ताकि गरीब मजदूरों को रहने में कोई दिक्कत न हो।लेकिन अब हॉस्टलों में रहने वाले मजदूरों से किराया लेना शुरू कर दिया गया।

यह किराया 283 रुपये वार्षिक था परन्तु इस वर्ष इस किराए में एकदम से अप्रत्याशित वृद्धि करके इसके 7080 रुपये कर दिया गया। जबकि होना यह चाहिए था कि मजदूरों के लिए और ज़्यादा लेबर होस्टल बनते व इसमें रहने की मुफ्त सुविधा दी जाती परन्तु इसके बजाए लेबर हॉस्टलों में रहने वाले मजदूरों पर किराए का भारी बोझ लादकर उन्हें लेबर हॉस्टलों से बाहर खदेड़ने की कोशिश की जा रही है। यह अमान्य,नाज़ायज़ व गैर कानूनी है। यह वृद्धि पच्चीस गुणा है व यह लगभग दो हज़ार पांच सौ प्रतिशत की वृद्धि है। इसके साथ ही लगातार भारी किराया वृद्धि के मसले पर लगातार नोटिसों के माध्यम से मजदूरों को लेबर हॉस्टलों से बाहर करने की धमकियां दी जा रही हैं। उनसे बदसलूकी व धक्कामुक्की करके भारी किराया वृद्धि को लादने की कोशिश की जा रही है। नगर निगम की कार्रवाई से मजदूर बेहद परेशान हैं।

विजेंदर मेहरा सीटू प्रदेशाध्यक्ष विओयूनियन ने चेताया है कि अगर नगर निगम शिमला ने लेबर हॉस्टलों से गरीब मजदूरों की निकालने व बढ़े हुए भारी किराए को जबरन लेने की कोशिश की तो मजदूर सड़कों पर उतरकर इसका कड़ा विरोध करेंगे