विश्व कैंसर दिवस: करिए कैंसर की पहचान, ताकि न पड़े जीवनभर इससे पाला

खबरें अभी तक। कैंसर ढेरों जिंदगियां खाए जा रहा है और आंकड़ों की मानें तो दुनिया का 13वां नया कैंसर का मरीज भारतीय है.  और ये सब जानते हैं कि कैंसर दबे पांव आकर जिंदगियां बर्बाद कर रहा है. ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि  कैंसर से पहचान कर ली जाए ताकि इससे बचने के तरीके पहले से ही पता हों. या इसको खुद तक आने ही ना दिया जाए. इसके लिए सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि कैंसर होता क्या है. दरअसल हमारे शरीर में कई क्रियाएं चलती रहती हैं. इन्हीं में से एक क्रिया कोशिकाओं (Cells) का बनना है. इसके तहत पुराणी कोशिकाएं खत्म होती रहती हैं  नई बनती रहती हैं. पर कैंसर में  क्रिया प्रभावित होती है.  कैंसर होने की स्थिति में शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं(red blood cells) और श्वेत रक्त कोशिकाएं(white blood cells)बिना किसी जरूरत के ही बढ़ने लगती हैं.

ये कैंसर कोशिकाएं धीरे-धीरे शरीर में फैलती रहती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं के काम में भी बाधा बनती रहती हैं.यही ‘बीमार कोशिकाएं’ कैंसर कहलाती हैं.कैंसर के मरीज़ों की संख्या में लगातार बढ़ौतरी देखी जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, वर्ष 2025 के अंत तक भारत में कैंसर रोगियों की संख्या वर्तमान रोगियों की संख्या से 5 गुनी हो जाएगी.92 प्रतिशत मामलों में व्यस्कों में कैंसर पाया जाता है जबकि इसकी दर बच्चों में काफी कम है. महिलाओं में ब्रैस्ट, सरविक्स और ओवरी का कैंसर पाया जाता है, तो वहीं सिर, गले, लंग्स और बल्ड कैंसर पुरुषों में पाया जाने वाला सबसे आम कैंसर हैं.स्तन, गर्भाशय, ग्रीवा और मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा तेजी से हमारे देश में फैल रहा है.हर साल कैंसर के कारण 3.5 लाख महिलाओं की मौत हो जाती है.

 पिछले पांच वर्षों के आंकड़ें-मरीज़ों की संख्या
पंजाब-10,946
हरियाणा-6,982
हिमाचल-5,055
उत्तर प्रदेश-3,862
चंडीगढ़-2,364

कैंसर का हर 13वां नया मरीज है भारतीय
NCI (नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट) के अनुसार, विश्व में कैंसर का हर 13वां नया मरीज भारतीय है। साथ ही स्तन, गर्भाशय, ग्रीवा और मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा तेजी से हमारे देश में फैल रहा है। हर साल कैंसर के कारण 3.5 लाख महिलाओं की मौत हो जाती है।