अगर आप पर बी है शनि की साढ़े साती या ढाईया तो करें ये उपाए

खबरें अभी तक। शनि हर राशि पर भ्रमण के दौरान एक विशेष तरह का प्रभाव डालता है. जब यह प्रभाव किसी राशि के ऊपर शनि की विशेष स्थितियों के कारण पड़ता है तो इसको साढ़ेसाती कहते हैं. शनि जब भी किसी राशि से बारहवें रहता है, उसी राशि  में रहता है या उस राशि से दूसरे रहता है तो उस राशि पर साढ़ेसाती चलने लगती है. शनि एक राशि पर ढाई वर्ष रहता है और एक साथ तीन बार किसी राशि को प्रभावित करता है. ढाई-ढाई वर्षों का तीन चरण साढ़ेसात साल तक साढ़ेसाती के रूप में चलता है.

शनि की ढैया-

– राशियों पर भ्रमण के दौरान जब शनि किसी राशि से चतुर्थ भाव या अष्टम भाव में आता है तो इसको शनि की ढैया कहा जाता है.

– यह शनि के एक राशि पर भ्रमण के दौरान ही रहता है यानि कि ढाई साल तक.

– इसीलिए इसको ढैया कहा जाता है.

साढ़ेसाती का प्रभाव-

– लोगों का मानना है कि यह हमेशा बुरा फल देती है.

– परन्तु ऐसा बिलकुल भी आवश्यक नहीं है.

– सबसे पहले देखना होगा कि आपकी व्यक्तिगत दशा क्या है.

– इसके बाद कुंडली में शनि की स्थिति देखनी होगी.

– तब जाकर यह समझा जा सकता है कि साढ़ेसाती या ढैया का फल बुरा होगा या अच्छा.

साढ़ेसाती या ढैया में किस तरह के फायदे हो सकते हैं?

– साढ़ेसाती में व्यक्ति को अच्छे और बुरे की पहचान हो जाती है.

 – व्यक्ति अपनी क्षमताओं का पूर्ण प्रयोग करता है.

– व्यक्ति बहुत तेजी से उंचाइयों तक पहुंच जाता है.

– रुके हुए या बंद कैरियर में सफलता मिलती है.

– व्यक्ति को आकस्मिक रूप से धन और उच्च पद मिल जाता है.

– व्यक्ति को विदेश से लाभ होता है और विदेश यात्रा के योग बन जाते हैं.

 साढ़ेसाती का परिणाम अशुभ हो तो उपाय-

– शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

– नित्य सायं शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें.

– अगर कष्ट ज्यादा हो तो शनिवार को छाया दान भी करें.

– भोजन में सरसों के तेल, काले चने और गुड़ का प्रयोग करें.

– अपना आचरण और व्यवहार अच्छा बनाये रखें.