खबरें अभी तक। करनाल के फरीदपुर गांव के पास रेत की खान में खुदाई के दौरान 11वीं और 12वीं सदी का शिवलिंग, नंदीगण व मंदिर के स्तम्भ मिले हैं। यमुना से सटे गांव में करीब तीस फिट गहराई में मिले शिवलिंग को ग्रामीण भगवान शिव का चमत्कार मान रहे है। खान से मिला शिवलिंग व नंदीगण की मूर्ति नाै साै वर्ष पुरानी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सदियों पहले यमुना नदी के किनारे शिव मंदिर होगा जिसमें से यह शिवलिंग उन्हें मिला है।
फरीदपुर गांव के ग्रामीण इस घटना को अपने गांव का सौभाग्य बता रहें हैं। पौराणिक शिव लिंग व मूर्तियां मिलने के सूचना से हरकत में आए प्रशासन ने खुदाई के दौरान निकली सभी धरोहरों को अपने कब्जे में लेगा। एसडीएम गौरव कुमार ने बताया की पुरातत्व विभाग शिवलिंग व मूर्तियों की जांच करेगा ताकि इनके महत्व व निर्माण के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सके।
रविवार की देर रात फरीदपुर गांव के पास खदान में पोपलेन मशीन से रेत की खुदाई का काम चल रहा था। इसी दौरान खान में काम कर रहे कर्मचारियों को रेत में पत्थरनुमा ठोस चीज दिखाई दी । जब उन्होंने पत्थर से थोड़ा रेत हटाया तो शिवलिंग देख हैरान रह गए। शिवलिंग के ईलावा खान से नंदीगण की मूर्ति व दो बड़े स्तंभ भी मिले हैं। खान में मोजूद कुछ लोगों ने जमीन से निकली इन मूर्तियों को रेत के ट्रक में लोड कर लिया और चरखी दादरी की तरफ ले गए। खदान में काम कर रहे एक कर्मचारी ने गुपचुप तरीके से इस घटना की पूरी जानकारी युवा क्लब फरीदपुर के सदस्यों को दी।
गांव के युवाओं खदान के लोगों से मिलकर गाड़ी की जानकारी हासिल की और उस गाड़ी का पीछा करते हुए इसराना जा पहुंचें। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इसराना गांव के पास ट्रक चालक से खदान से निकली सभी धरोहरों को अपने कब्जे में ले लिया। ग्रामीण शिव लिंग व मूर्तियों को लेकर सीधे यमुना नदी में लेकर गए। यमुना के जल से मूर्तियों का विधिविधान के साथ स्नान करवाया थ्री व्हीलर के जरिए गांव लेकर पहुंच गए।