दिल्ली के बाद धीरे-धीरे भिवानी की आबोहवा हुई जहरीली, एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 से भी पार

ख़बरें अभी तक। दिल्ली और गुरूग्राम के बाद अब धीरे-धीरे भिवानी की भी आबोहवा जहरीली होने लगी है। हालात ये है कि दिन में धुए का गुब्बार सा बन गया। दोपहर को भी शाम जैसा नजारा हो गया। लोगों की आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी होने लगी है। चिकित्सकों ने सावधानी बरतने व घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाने की सलाह दी है।

दिपावली के बाद हर रोज आवोहवा में बढने लगा है जहरीला धुआं

दिपावली के बाद दिल्ली व गुरुग्राम की आबोहवा रोजाना बिगड़ रही है। अब इसका असर भिवानी तक पहुंच गया है। भिवानी शहर में पिछले तीन चार रोज से आबोहवा हर रोज जहरीली हो रही है। दो-तीन रोज जहां सुबह-शाम धुएं का गुब्बार होता था वहीं शुक्रवार व आज शनिवार को तो दोपहर में भी जहरीले धुएं से शाम जैसा नजारा था। चारों तरफ धुआं ही धुंआ दिख रहा था। धुआं भी इतना की सूरज भी ठिक से दिखाई नहीं दे रहा था।

लोगों की बढ़ने लगी है परेशानी, जिला में तीन गुणा बढ़ी मरीजों की संख्या

परेशान लोगों व बच्चों ने बताया कि इस धुएं से उन्हे सांस लेने में परेशानी हो रही है। आंखों में जलन हो रही है। लोगों ने बताया कि घर से निकलते ही हालात खराब हो जाते हैं। बिमार होने का डर रहता है। डॉक्टर कहते हैं घर से मत निकलों पर घर से निकलने बिना और काम किए बिना घर कैसे चलेगा। वहीं बच्चे भी आंखों में जलन से बहुत परेशान हैं।

बच्चे, बुढ़े, सांस के मरीज व गर्भवती महिलाओं को खतरा- चिकित्सक

वहीं चिकित्सक विनोद अंचल ने बताया कि जहरीली हवा से आंखों व सांस के मरीजों में तीन गुणा बढ़ोतरी हो रही है। उन्होने बताया कि ये जहरीला धुआं बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं व सांस के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक है। उन्होने बताया कि आम आदमी को इस आबोहवा में सावधानी बरतनी चाहिए और ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से निकलना चाहिए। उन्होने कहा कि दिपावली के बाद हवा जहरीली हो गई है।

लोग बोले, घर से निकलते ही आंखों में जलन व सांस लेने में होती है परेशानी 

बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 माइक्रोग्राम प्रति मिट्रिक क्यूब तक होना चाहिए। जो पिछले तीन चार रोज से रोजाना बढ़ रहा है। शुक्रवार की बात करें तो भिवानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 से भी पार था। भरी दोपहरी में जहरीले धुएं के गुब्बार से शाम जैसा नजारा था। ये सब दिपों के पर्व दिपावली पर हुई आतिशबाजी का नतीजा है। साथ में अब खेतों में धान की पराली भी जलनी शुरु होगी। ऐसे में सावधानी बरतें और ज्यादा परेशानी होने पर चिकित्सक से सलाह लें।