जुड़वा बच्चों से जुड़े आपके मन में भी उमड़ते हैं ये सवाल, तो जान लें इनका राज

खबरें अभी तक। जुड़वा बच्चों का ख्याल आते ही मन में कई सवाल और उनके जवाब खुद ही उमड़ने लगते हैं. उनमे से कुछ सवाल होते हैं की क्या बच्चे बड़े होकर हमसक्ल दिखेंगे, बच्चे जुड़वा हैं तो दोनों का सेक्स अलग-अलग क्यों है. कुछ लोगों को लगता है की क्या पेट में इतनी जगह कैसे होती है की दो जुड़वा बच्चे उसमे 9 महीने बिता सकें. इन सवालों के रहस्यमई जवाब आपको चौका देंगे. आज हम जुड़वा बच्चों से जुड़े कुछ बड़े राज आपके लिए खोलेंगे. पढ़ें पूरी खबर और जाने क्या है जुड़वा बच्चों के पैदा होने का प्रोसेज, किस तरह जुड़वा बच्चे औरत के पेट में पलते और बनते हैं. दरअसल, यह सबकुछ महिला के गर्भ में स्पर्म और एग के फर्टिलाइजेशन के वक्त तय होता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि ऐसा कैसे होता है?

कैसे बनते हैं जुड़वा बच्चे – जब गर्भ में पुरुष के शुक्राणु महिला के अंडाणु से मिलते हैं तो फर्टिलाइजेशन के दौरान दो तरह के एम्ब्रीओ यानी कि भ्रूण तैयार होते हैं. इस तरह से जुड़वा बच्चों का जन्म होता है. ऐसे बच्चे रूप-रंग में एक दूसरे काफी मिलते जुलते हैं. इन्हें मोनोजाइगोटिक कहा जाता है. इसके अलावा कभी-कभी पुरुष के दो स्पर्म महिला के दो अंडों से मिलकर दो भ्रूण तैयार करते हैं. ऐसी दशा में पैदा होने वाले बच्चे अलग-अलग रूप-रंग के होते हैं. इनका लिंग भी अलग-अलग हो सकता है. मेडिकल साइंस में इन्हें डाइजाइगोटिक बोला जाता है.

आनुवंशिक वजह – जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना तब काफी अधिक होती है जब आपके परिवार में पहले भी जुड़वा बच्चे पैदा हो चुके हों. ऐसा माना जाता है कि जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना मां के इतिहास पर आधारित होती हैं पिता के नहीं.

मां की उम्र की वजह से भी – एक अध्ययन में यह बताया गया है कि महिला की उम्र बढ़ने के साथ-साथ उसके जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ती जाती है. इसके पीछे एक कारण यह है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में एफएसएच (फोलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन) के निर्माण में कमी आती है जो महिलाओं के अंडोत्सर्ग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में अंडोत्सर्ग की प्रक्रिया तेज हो जाती है जिससे जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है.