7 दिनों बाद अपने -अपने देवालयों की ओर लौटे देवी देवता

खबरें अभी तक।  अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में शरीक हुए सैकड़ों देवी देवता अपने देवालय की ओर कूच कर गए हैं। सोमवार को सैकड़ों देवी देवता अगले साल फिर मिलने का वादा कर वापस लौट गए हैं। जबकि दूरदराज के देवी देवता लंका दहन से पहले ही देवालय की ओर रवाना हो गए हैं। सात दिन तक देवलोक में तबदील रघुनाथ की नगरी अब देवताओं के बिना सूनी पड़ गई है।

अंतरराष्ट्रीय दशहरा के समापन के बाद 280 से अधिक देवी देवताओं ने अपने देवालय की तरफ ढोल-नगाड़ों तथा शहनाइयों की थाप पर कूच किया। सोने-चांदी से सजे आकर्षक देवी – देवताओं के देवरथों के बिछोह से लोग भावुक हो गए और अपने अधिष्ठाता से भविष्य के लिए सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।

देवालय लौटने से पहले देवताओं ने भगवान रघुनाथ से भी मिल कर अपने सुख-दु:ख को साझा किया और अगले वर्ष फिर आने का वादा किया। कई देवी-देवताओं ने रवानगी से पूर्व रघुनाथ को सम्मान सहित उनके देवालय रघुनाथपुर तक पहुंचाया। इस दौरान देवी देवता कारदार संघ के अध्यक्ष जय चंद ठाकुर ने कहा कि एक हफ्ते तक देवलोक में बदली रघुनाथ की धरा अब अगले साल तक के लिए सूनी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि देव समागम के अलौकिक दृश्य ने सबका मन मोहा है