पीठासीन अधिकारियों को दिए गए ईवीएम,वीवीपैट व चुनावी प्रक्रिया से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश

ख़बरें अभी तक। भिवानी: चुनावों को लेकर अमला पूरी तरह तैयार है, इसी कड़ी में पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला का आयोजन कर पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जा रहे है। इसी चरण में भिवानी के टिबड़ेवाल सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला दो चरणों में आयोजित हुई। कार्यशाला में एसीयूटी सचिन गुप्ता आईएएस और सिवानी के एसडीएम सतबीर सिंह ने कहा कि पीठासीन अधिकारी निष्पक्ष एवं पारदर्शी मतदान करवाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

मतदान के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखना पीठासीन अधिकारियों पर निर्भर होता है। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्र में कोई भी व्यक्ति को मोबाइल के साथ प्रवेश नहीं कर सकता। कार्यशाला में पीठासीन अधिकारियों एवं सहायक पीठासीन अधिकारियों को ईवीएम, वीवीपैट व चुनावी प्रक्रिया से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

टैंडर वोट और टैस्ट वोट की जानकारी

प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि अगर किसी व्यक्ति का वोट उसके मतदान करने आने से पहले ही उसका वोट डाल दिया गया है तो ऐसी स्थिति में पीठासीन अधिकारी पोलिंग एजेंट से उसकी पहचान करवाकर उसका निविदित वोट(टैंडर वोट) डलवाएंगे। इसी प्रकार से मतदान के दौरान अगर कोई मतदाता यह दावा करता है कि उसका वोट जहां उसने डाला है वहां नहीं डला है। ऐसी स्थिति में पीठासीन अधिकारी मतदाता को इस बात से जरूर अवगत करवाएं कि अगर उसके द्वारा किया गया दावा गलत पाया गया तो धारा 177 के तहत उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी तथा जिसमें छह माह की जेल का भी प्रावधान है।

प्रशिक्षण के दौरान बताया कि दृष्टिहीन एवं अक्षम व्यक्ति के साथ एक व्यक्ति बूथ के अंदर आ सकता है तथा उसकी आयु 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए। जो मतदाता मतदान के लिए पहचान पत्र के रूप में वोटर आईडी कार्ड साथ लाते है, उनका मत पहले डलवाया जाए। इसके अलावा बूथ पर जो महिलाएं घूंघट में आती हैं तो उनकी पहचान जरूरी है।

उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर को मतदान सुबह सात से सांय छह बजे तक होगा तथा मॉक पोल मतदान शुरू होने से एक घंटा पहले करवाना होगा। अगर कोई पोलिंग एजेंट मोक पोल से 20 मिनट पहले बूथ पर नहीं पहुंचता है तो पीठासीन अधिकारी अपनी मोक पोल की प्रक्रिया शुरू कर सकते है। मॉक पोल में प्रयोग हुई वीवीपैट की पर्चियां निकालकर आपको दिए जाने वाले काले लिफाफे में सील कर देंगे तथा उसके बाद वीवीपैट को सील करके मतदान प्रक्रिया शुरू करवानी होगी। मॉक पोल करवाने के बाद पीठासीन अधिकारी मतदान शुरू करने से पहले कंट्रोल रूम में यह सूचना देगा कि मॉक पोल होने के बाद मशीन खाली है तथा मतदान प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

इसके अलावा अगर कोई बूथ ऐजेंट किसी व्यक्ति द्वारा फर्जी वोट डालने की आपत्ति दर्ज करता है तो उसके लिए दो रूपये की फीस निर्धारित की गई है, जिसकी पर्ची काटी जाएगी। अगर उस व्यक्ति की आपत्ति सही पाई जाती है तो वो दो रूपये शिकायत कत्र्ता को वापिस दे दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पोलिंग बूथ के अंदर कोई भी व्यक्ति फोटोग्र्राफी नहीं कर सकता तथा डयूटी स्टाफ के अलावा वोट डालने वाले व्यक्ति ही बूथ में प्रवेश करेगा। उन्होंने कहा कि सभी पोलिंग पार्टियां मतदान के समय अपने बूथ पर पहुंचते ही यह जरूर जांच ले कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित कमरे में ही मतदान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अतिसंवेदनशील व संवेदनशील बूथों पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

प्रशिक्षण के दौरान बताया कि चुनाव में प्रत्येक पोलिंग पार्टी को तीन मशीनें दी जाएगी, जिसमें एक बैल्ट यूनिट, कंट्रोल यूनिट व एक वीवीपैट है। वीवीपैट के माध्यम से प्रत्येक मतदाता को उसके द्वारा डाली गई वोट का पूरा रिकार्ड मिलेगा। वोट डलने के बाद प्रत्येक मतदाता को वीवीपैट से एक पर्ची मिलेगी, जिसमें उसके द्वारा डाले गए मत का पूरा ब्यौरा होगा। उन्होंने कहा कि पोलिंग पार्टी वीवीपैट को ले जाते समय मशीन में लगाए गए रोल को लॉक करके ले जाए ताकि वो हिले ना।

इसी प्रकार चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सेना के जवानों व अन्य अर्ध सैनिक बलों में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा दिए गए घोषणा पत्र के आधार पर निर्धारित किए गए व्यक्ति से ही प्रोक्सी वोट डलवाए। प्रोक्सी वोट डालने वाले व्यक्ति के बायें हाथ की बीच वाली उंगली पर स्याही लगाई जाएगी तथा अन्य मतदाताओं को बायें हाथ की पहली उंगली पर स्याही लगाई जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान पीठासीन व सहायक पीठासीन अधिकारियों द्वारा रखी गई शंकाओं को भी अधिकारियों ने दूर किया।

प्रशिक्षण के सहायक नोडल अधिकारी रमन शांडिल्य व प्रो. श्याम वशिष्ठ ने भी पीठासीन अधिकारियों एवं सहायक पीठासीन अधिकारियों को मतदान के दौरान ध्यान में रखने वाली बातों के बारे में विस्तार से बताया। वहीं प्रशिक्षण लेने आए कर्मचारी भी उत्साहित दिखे।