देश का नाम रोशन कर हरिद्वार की बेटी रिद्धिमा पांडे लौटी अपने घर

खबरें अभी तक। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले विश्व के अलग अलग देशों के 16 बच्चों ने तमाम सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र यूएन में शिकायत दर्ज कराई है क्लाइमेट चेंज के प्रति लोगों को जागरूक कर रही ग्रेटा थनबर्ग के साथ जो 16 बच्चे शामिल हैं उन्हीं 16 बच्चों में से एक है उत्तराखंड हरिद्वार रहने वाली रिधिमा पांडे यूएन से वापस हरिद्वार आई हरिद्वार आने पर रिद्धिमा पांडे का परिवार और उनके प्रशंसकों ने ढोल नगाड़ों के साथ रिद्धिमा का भव्य स्वागत किया इस उपलब्धि के बाद रिद्धिमा का परिवार काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा है

ग्रेटा थनबर्ग कई सालों से लोगों को पर्यावरण पर हो रहे नुकसान की जानकारी के साथ लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं और आज पूरे विश्व में वह क्लाइमेट चेंज के ऊपर लोगों को जागरूक करने का इतना बड़ा अभियान छेड़ चुकी है कि हर देश का व्यक्ति उनकी तारीफ कर रहा है लेकिन ग्रेटा के साथ उत्तराखंड हरिद्वार की रहने वाली रिद्धिमा पांडे जो कि 11 साल की है वह भी कदम से कदम मिलाकर उनके चल रही है ऐसा नहीं है कि रिद्धिमा पहली बार पर्यावरण के लिए खड़ी हुई है इससे पहले भी वह लगातार पर्यावरण के लिए लड़ाई लड़ती रही है

अमेरिका यूएन से आज हरिद्वार लौटी रिधिमा पांडे का ऋषिकेश के जौली ग्रांट एयरपोर्ट और हरिद्वार में उसके घर में जोरदार स्वागत किया गया ढोल की थाप पर रिधिमा पांडे के प्रशंसकों हरिद्वार वापस आने पर उनका भव्य स्वागत किया रिधिमा के पिता भी अमेरिका से लौटे हैं उसी के साथ रिधिमा हरिद्वार पहुंचने पर बेहद खुश नजर आई रिद्धिमा का कहना है कि अमेरिका में उसे बहुत अच्छा लगा वहां लोग नियम कायदे से चलते हैं और यूएनओ में पर्यावरण को लेकर उसने अपनी बात रखी हम 16 बच्चों ने इस केस को ग्लोबल लेवल पर लेकर गए है कि अब सरकार इस पर जल्दी डिसीजन करेगी और हमारे फेवर में ही होगा मैं पर्यावरण को लेकर एक अपना एनजीओ चलाना चाहती हूं जिसमें में जगह-जगह जाकर इस बारे में लोगों को जागरूक करूं जितना मैं कर सकती हूं मैं करूंगी मुझे खुशी कि मैने इंटरनेशनल मंच पर अपनी हाजिरी दर्ज कराई

रिधिमा के पिता भी उसकी इस कामयाबी से बहुत खुश है रिधिमा के पिता दिनेश पांडे का कहना है कि मुझे बहुत गर्व है की अनुभूति हो रही है कि मेरी बेटी यूनाइटेड नेशन गई वहां पर कई देशों के बच्चे आए और मेरी बेटी ने भारत की तरफ से कंप्लेंट फाइल की है यह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है क्योंकि हम एक सिंपल परिवार से है मैं खुद भी वाइल्डलाइफ के लिए काम करता हूं और रिद्धिमा की मां फॉरेस्ट विभाग में काम करती है और बच्चा अपने परिवार से ही सीखता है रिद्धिमा को लगन थी तभी यह संभव हो पाया है मैं चाहता हूं कि रिद्धिमा लोगों को जागरूक करें हम सब मिलकर इस मुहिम को और तेज करेंगे जो सरकारें इसको इग्नोर कर रही है हम उनके खिलाफ आंदोलन भी करेंगे

वहीं रिधिमा की मां का कहना है कि मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है मैं आज बहुत प्राउड फील कर रही हूं और एक मां होने के नाते मुझे काफी गर्व है अपनी बेटी पर कि आज दुनिया मुझे मेरी बेटी के नाम से जानती है इतनी कम उम्र में रिधिमा ने जो इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है यह भगवान और मेरे बड़ों के आशीर्वाद की वजह से ही है आज मेरी बच्ची की मेहनत सफल हुई मेरे पति वाइल्डलाइफ के लिए काम करते हैं और मैं खुद वन विभाग उत्तराखंड में ही रिधिमा बचपन से ही पर्यावरण की तरफ आकर्षित रही है

रिधिमा ने पूरे उत्तराखंड ही नहीं पूरे भारत का नाम रोशन किया है वह भारत की अकेली बेटी है जिसे  ग्रेटा की 16 सदस्यीय टीम में शामिल होने का मौका मिला रिधिमा किस उपलब्धि पर संत समाज भी बेहद खुश नजर आया परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि खुद उसका स्वागत करने एयरपोर्ट पर पहुंचे स्वामी चिदानंद मुनि का कहना है कि यह हरिद्वार और उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है क्योंकि जब युवा पश्चिम की धरती पर जाकर नेतृत्व करते हैं तो यह बहुत अच्छा लगता है ग्लोबल वार्मिंग इस समय बहुत बड़ा मुद्दा है और देश के प्रधानमंत्री भी वहां पर मौजूद है और वह इन सभी मुद्दों पर बोल रहे हैं अब समय आ गया है हम सब को भी सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज नहीं करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को लगाने का कार्य किया जाना चाहिए अब हम सबको मिलकर काम करना होगा क्लाइमेट चेंज इस समय ऐसा मुद्दा है जो सबके लिए जरूरी है मैं आज गौरवान्वित हूं कि रिद्धिमा 2 साल पहले मेरे पास आई थी तब मैंने कहा था आप एक दिन जरूर विजई होगी।

छोटी सी उम्र में अपने पिता से मिली प्रेरणा के कारण रिधिमा लगातार जलवायु परिवर्तन के लिए लड़ाई लड़ती रहती हैं इतनी छोटी सी उम्र में वह जानती है कि हमारे समाज और देश पर जलवायु परिवर्तन का क्या असर पड़ रहा है इससे पहले भी रिधिमा इस तरह के कई कार्य कर चुके है और अब रिद्धिमा इस मुहिम को और आगे बढ़ाना चाहती है जिससे लोग जलवायु परिवर्तन के लिए जागरूक हो सके।