सरपंचों का धरना दूसरे दिन भी जारी , BDPO के तबादले की मांग

खबरें अभी तक। बीडीपीओ के तबादले की मांग को लेकर भिवानी जिला के खंड बवानीखेड़ा के सरपंचों का धरना दूसरे दिन बृहस्पितवार को भी जारी रहा। बीडीपीओ के तबादले में देरी को लेकर सरपंचों के साथ-साथ कर्मचारियों ने भी नाराजगी जाहिर की है। जहां खंड के सभी सरपंचों ने बीडीपीओ का तबादला न होने पर सामूहिक रूप से प्रशासन को इस्तीफा देने की चेतावनी दी है, वहीं चुनाव के बहिष्कार का भी ऐलान किया है। इसके साथ-साथ बीडीपीओ पर अभ्रद व्यवहार व विकास कार्यो के लिए जारी राशि में कमीशन मांगे जाने के विरोध में कर्मचारी भी उतर आएं और उन्होंने भी बीडीपीओ के तबादले की मांग को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखकर सामूहिक अवकाश स्वीकृत करने की मांग की है।

दूसरे दिन लगातार जारी धरने की सूचना पर भिवानी के एसडीएम सतीश कुमार व डीएसपी विरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने सरपंचों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाने की बात कही और साथ-साथ यह भी कहा कि सरपंचों द्वारा जो बीडीपीओ कार्यालय को ताला लगाया हुआ है, यह सरपंचों द्वारा किया गया व्यवहार अच्छा नहीं हैं। एसडीएम सतीश कुमार ने सरपंचों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग को पंचायत विभाग के निदेशक तक पहुंचा दिया गया है और इस मामले की जांच भी की जाएगी। इसके बावजूद भी सरपंचों ने कार्यालय का ताला खोलने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को चाबी नहीं सौंपी तो अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में स्वयं ही बीडीपीओ कार्यालय का ताला खुलवा दिया। एसडीएम ने कहा कि बीडीपीओ एक दिन पहले ही आया था।

कर्मचारियों ने भी आरोप लगाया कि बीडीपीओ की कार्यशैली अच्छी नहीं है। उन्होंने बताया कि बीडीपीओ ने बैठक के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उस वक्त वहां पर महिला कर्मचारी भी मौजूद थी। इसके चलते सभी को शर्मशार होना पड़ा। साथ-साथ बीडीपीओ ने गांव के विकास के लिए जारी राशि से कमीशन की भी मांग की। साथ-साथ सरपंचों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन व सरकार उनके खिलाफ दमनकारी नीतियां अपना रही हैं। उन्होंने बताया कि इस नीति का वे पुरजोर विरोध करते हैं और प्रशासन के आगे सामूहिक इस्तीफा देने की पेशकश भी करते हैं। साथ-साथ अगर बीडीपीओ का तबादला नहीं हुआ तो वे चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे।

इस दौरान काफी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा। प्रशासन की सरपंचों ने एक नहीं सुनी और वे बीडीपीओ के तबादले की मांग पर अड़े रहे। सरपंच कृष्णलाल, बलबीर सिंह, दर्शना, चेतन, सुमित्रा, सुरेश रंगा, रीनू, सुमन, रीतू, पिंकी, सुशील कुमारी, कविता, सतबीर आदि ने आरोप लगाया कि बीडीपीओ के अभद्र व्यवहार व विकास कार्यो के लिए जारी राशि में लाखों रूपयें के कमीशन का वे पुरजोर विरोध करते हैं और सभी सरपंचों ने यह फैसला लिया है कि अगर बीडीपीओ का तबादला नहीं होता उनके सामूहिक रूप से इस्तीफे स्वीकार किए जाएं।